जिले के 3 लाख 93 हजार 939 बच्चों को एल्बेंडाजोल दवा 04 सितंबर को राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस कार्यक्रम के तहत खिलाई जाएगी। इस सम्बन्ध में जिले अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ.अशोक कुमार सिंह ने बताया कि जिले के आंगनबाड़ी केन्द्र एवं सरकारी/ गैर सरकारी स्कूल के 01 से 19 वर्ष तक के बच्चों को एल्बेंडाजोल की दवा निर्धारित उम्र के अनुसार खिलाई जाएगी। इसको लेकर जिला पदाधिकारी के निर्देशन में स्वास्थ्य, शिक्षा, आईसीडीएस, जीविका व अन्य विभागों की बैठक आयोजित की गईं है। उन्होंने बताया की दवा से छूटे हुए बच्चों के लिए मॉप-अप दिवस का आयोजन 11 सितंबर को किया जाएगा, जिसके अंतर्गत पुनः 01 से 19 वर्ष तक के सभी बच्चों को आंगनबाड़ी केन्द्र पर एल्बेंडाजोल की गोली का सेवन तालुकानुसार सेविका स्वयं खिलाना सुनिश्चित करेंगी। वहीं सभी को जिला स्तर पर निर्देश दिया गया है कि किसी भी स्थिति में बच्चों / अभिभावक को एल्बेंडाजोल की गोली घर ले जाने के लिए नहीं दिया जाएगा।
दवा खाने पर हो सकता है प्रतिकूल प्रभाव, घबराए नहीं
जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी सह नोडल।पदाधिकारी डॉ.संजय कुमार शर्मा ने कहा कि पेट में कृमि होने बच्चों का शारीरिक, मानसिक विकास रुक जाता है। इसलिए वर्ष में दो बार कृमि की दवा खिलानी चाहिए। उन्होंने बताया की आशा, सेविका के सामने दवा खिलाई जाएगी। दवा देने पर कुछ बच्चों एवं किशोर-किशोरियों में प्रतिकूल प्रभाव जैसे हल्का चक्कर, थोड़ी घबराहट या उल्टी हो सकती है। यह दो से चार घंटे में स्वतः ही समाप्त हो जाती है। यह पेट में कीड़े की मौजूदगी का सबूत है। दवा के सेवन न करने से पेट में होने वाले कीड़े या कृमि से बच्चों के शरीर में खुराक नहीं लगती और बच्चे शारीरिक व मानसिक रूप से कमजोर होने लगते हैं। बच्चे के कमजोर शरीर में विभिन्न प्रकार की बीमारियां होने लगती हैं। दवा देते समय आवश्यक रूप से यह सावधानी बरतें कि बच्चा खाली पेट न हो, अर्थात बच्चे ने दवा लेने से पूर्व कुछ न कुछ भोजन अवश्य किया हो। इस बात का ध्यान रखें की दवा खाली पेट न खाएं बच्चों को कुछ खिलाकर ही दवा खिलाए ।
एल्बेंडाजोल गोली खिलाने का तरीका
– 1-2 साल के बच्चों को एल्बेंडाजोल की आधी गोली खिलाएं। दवाई को दो चम्मच के बीच रखकर पूरी तरह चूरा करें और पीने के पानी में मिलाकर ही खिलायें।
– 2-3 साल के बच्चों को एल्बेंडाजोल की एक पूरी गोली खिलाएं। दवाई को दो चम्मच के बीच रखकर पूरी तरह चूरा करें और पीने के पानी में मिलाकर ही खिलायें।
– 3-19 साल के बच्चों को एल्बेंडाजोल की एक पूरी गोली खिलायें। ध्यान रखें की एल्बेंडाजोल दवाई हमेशा चबा कर पानी के साथ खाने की सलाह दें क्योंकि बिना चूरा या चबा कर खायी गयी एल्बेंडाजोल दवाई का प्रभाव महत्वपूर्ण रूप से कम हो सकता है। पीने का पानी साथ रखें।आंगनवाड़ी कार्यकर्ता अपने सामने ही चम्मच से हर बच्चे को दवाई खिलाएं, दवाई बाद में खाने या घर ले जाने के लिए ना दें।
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