अधिनियम के विशेष न्यायाधीश एडीजे प्रथम विकास कुमार ने मंगलवार को पूर्व जिला शिक्षा पदाधिकारी रंजीत पासवान के विरुद्ध गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। न्यायालय ने यह आदेश उनके द्वारा गवाही नहीं दिए जाने पर जारी किया है। गौरतलब हो कि पूर्व जिला शिक्षा पदादिकारी रंजीत पासवान का तबादला गोपालगंज जिला हो गया है। इस संबंध में एससी-एसटी मामलों के विशेष लोक अभियोजक चन्द्रमौली प्रसाद यादव ने बताया कि दो साल पहले तत्कालीन जिला शिक्षा पदाधिकारी ने जिला शिक्षक संघ के सदस्य ज्ञानदेव यादव, अभय सिंह, ब्रजेश कुमार आदि को नामित करते हुए थाना में मुकदमा दर्ज कराया था। उन्होंने कार्यालय कार्य में बाधा पहुंचाने सहित दलित प्रताड़ना का आरोप लगाया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि ये सभी शिक्षक अपनी मांगों के समर्थन में उनके कार्यालय में जबर्दस्ती प्रवेश कर उन्हें अपमानित करते हुए सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाया और वे सभी उनपर नाजायज दबाव बनाकर अपने मांगों को मनाने का दबाव बनाया। सभी शिक्षक प्रोन्नति सहित अन्य मांग को लेकर आंदोलन कर रहे थे। उनके द्वारा दर्ज प्राथमिकी पर पुलिस ने त्वरित गति से अनुसंधान कर न्यायालय में आरोप पत्र दायर किया। सभी शिक्षक के खिलाफ आरोप गठन के बाद अन्य गवाहों ने अपनी गवाही भी कोर्ट में दर्ज कराई है। लेकिन मामले के सूचक रहने के बाद भी पूर्व डीईओ अभी तक न्यायालय के लगातार बुलावे पर भी गवाही दर्ज नहीं करवाई है। न्यायालय ने इस पर कड़ा रुख अपनाते हुए उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। साथ ही न्यायालय ने एसपी को उन्हें कोर्ट में गवाही के लिए उपस्थित करने का आदेश दिया है।
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