शेखपुरा: विद्यालय के रसोइयों का कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन, मानदेय बढ़ाने को लेकर डीएम को सौंपा ज्ञापन

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शेखपुरा में बिहार राज्य विद्यालय रसोईया संघ सम्बन्ध गोपगुट (ऐक्टू) द्वारा अपने राज्यव्यापी कार्यक्रम के तहत जिला समाहरणालय पर जोरदार प्रदर्शन किया। प्रदर्शन में भाग लेने के लिए शुक्रवार को जिले के विभिन्न सरकारी विद्यालयों में कार्यरत सैकड़ों की संख्या में रसोईया जिला मुख्यालय पहुंची। वहीं, दल्लू चौक से ऐक्टू जिला संयोजक कमलेश प्रसाद के नेतृत्व में जुलूस निकाला गया। यह जुलूस शेखपुरा टाउन हॉल, कटरा चौक, चांदनी चौक होते हुए जिला समाहरणालय के गेट पर पहुंचकर प्रदर्शन में तब्दील हो गया। इस प्रदर्शन में रसोइया दीदियों को सरकारी कर्मी का दर्जा दो, स्कूलों में एनजीओ के जरिए मध्याह्न भोजन का सप्लाई बंद करो, 1650 में दम नहीं 28000 से काम नहीं, हटाए गए रसोइयों को तुरंत बहाल करो जैसे अन्य गगनभेदी नारे लग रहे थे। मौके पर आयोजित सभा को संबोधित करते हुए बिहार राज्य विद्यालय रसोईया संघ के नेत्री बेबी देवी ने कहा कि रसोईया के समस्याओं के समाधान के लिए बिहार राज्य विद्यालय रसोईया संघ लंबे समय से संघर्षरत है। कई सालों से रसोईया संघ द्वारा मानदेय में बढ़ोतरी को लेकर प्रदर्शन किया जा रहा है, लेकिन केंद्र और राज्य सरकार को अब तक इस पर नजर नहीं पड़ी है जो निंदनीय और अन्यायपूर्ण है। इस संबंध में ऐक्टू जिला संयोजक कमलेश प्रसाद ने कहा कि मोदी सरकार पूरी तरह मजदूरों के खिलाफ काम करते हुए कॉर्पोरेट के पक्ष में खड़ी हो गई है, केंद्र सरकार की ओर से रसोइयों के मानदेय में कोई वृद्धि नहीं की गई है। बिहार सरकार भी वार्ता में दिए आश्वासन से पीछे हट गई है। रसोइयों को न्यूनतम मजदूरी से कम पर मात्र 1650 पर वह भी साल में 10 महीने पर काम कर रही है। अगर सरकार रसोइयों की मांगों को नहीं मानेगी तो 21 फरवरी को बिहार विधानसभा के समक्ष प्रदर्शन किया जाएगा। इसके साथ ही 16 फरवरी को पूरे देश में केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के आह्वान पर हड़ताल होगी।  मुख्यमंत्री को संबोधित एक मांग पत्र प्रतिनिधिमंडल के जरिए शेखपुरा के जिलाधिकारी को सौंपा गया। 

रसोइया से खाना बनाने के अलावे अन्य कार्य कराया जाता है 

मौके पर माले जिला सचिव विजय कुमार विजय ने रसोइया दीदियों के आंदोलन को समर्थन करते हुए कहा कि रसोईया को विद्यालय में सिर्फ खाना बनाकर बच्चों को खिलाना है, लेकिन रसोइया से विद्यालय की साफ-सफाई, झाड़ू-पोछा, दरी बिछाना, घंटी बजवाना, शौचालय में पानी तक डलवाया जाता है, यह अन्याय है। उन्होंने कहा कि रसोइया की बहाली विद्यालय में शिक्षा व्यवस्था में सुधार हुआ है, रसोईया को सम्मानित करने के बजाय सरकार उसका हकमारी कर रही है। दूसरे राज्यों में सरकार रसोईया को कई प्रकार की सुविधा दे रही है, दूसरे राज्यों की तरह बिहार में भी सुविधा मिलनी चाहिए। मौके पर किसान महासभा के जिला सचिव कमलेश मानव, माले नेता राजेश कुमार राय, विशेश्वर महतो, रिक्की खान, विद्यालय रसोईया अनीता देवी, सुनीता देवी, उर्मिला देवी, गीता देवी, सबूजा देवी ,ममता देवी आदि ने संबोधित किया। 

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