मौसम के अनुसार मनुष्य को अपनी सेहत का विशेष ध्यान रखना पड़ता है। खासकर बढ़ती ठंड हमारे स्वास्थ्य को काफी नुकसान पहुंचती है। ठंड के मौसम में होने वाली बीमारियों के बारे में रेफरल अस्पताल बरबीघा के चिकित्सा पदाधिकारी तथा बालाजी मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल के डायरेक्टर डॉ.आनंद कुमार ने बताया कि इसका मुख्य कारण कम तापमान और हवा में नमी का होना है। ठंड की चपेट में आने पर मरीज को प्रायः तेज बुखार, सिरदर्द, थकान के साथ नाक से स्राव होने लगती है। खासकर ठंड के मौसम में सांस और हृदय रोग से पीड़ित रोगियों को विशेष सतर्कता बरतने की जरूरत है। गले में ठंड लगने की वजह से सांस की नली सिकुड़ने के कारण दमा का अटैक भी बढ़ जाता है। इसके अलावा ठंड के मौसम में खून की नलियां सिकुड़ने के कारण हार्ट अटैक का खतरा भी बढ़ जाता है। ठंड में सांस और हृदय रोगियों की दिक्कत होने लगती है। ठंड के कारण ब्लड प्रेशर बढ़ने, हाइपोथर्मिया(शरीर का तापमान में गिरावट) और नसों व जोड़ों का दर्द भी बढ़ने लगता है। ठंड के मौसम में राइनो वायरस की सक्रियता बढ़ने के कारण तेज खांसी और जुकाम के साथ फेफड़ों में इन्फेक्शन और सांस की नली में सूजन की समस्या भी हो सकती है। डॉ.आनंद ने ठंड से बचने और रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्यूनिटी) बढ़ाने की सलाह दिया है। इम्यूनिटी सिस्टम बढ़ाने के लिए विटामिन-सी युक्त फलों का रस, जूस और सूप आदि का प्रयोग करने का सलाह दिया।
बच्चों और बुजुर्गों को सावधान रहने की जरूरत
बच्चों और बुजुर्गों को ऐसे मौसम में ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है। दिन के वक्त अगर आप धूप देखकर कहीं बाहर घूमने निकलते हैं तो शाम को जल्दी घर पहुंचने की तैयारी भी रखनी होगी। क्योंकि शाम ढलते ही तापमान तेजी से गिर रहा है। बीपी और हार्ट के मरीज सुबह-शाम घर से बाहर नहीं निकले तो बेहतर रहेगा। अगर जरूरी काम के लिए कभी भी बाहर निकलना पड़े तो अपनी दवाएं हमेशा साथ रखें। वहीं, इम्यूनिटी पावर बढ़ाने के हाई प्रोटीन डाइट युक्त मोटी दालें और विटामिन सी युक्त मौसमी फल खानपान में शामिल करें। गुनगुना पानी नियमित अंतराल पर पीते रहें। समय निकाल कर सुबह शाम हल्का-फुल्का व्यायाम भी प्रतिदिन करे।
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