राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत जिला में चल रहे सर्वजन दवा सेवन (आईडीए राउंड) को सफल बनाने में जीविका से जुड़े लोग सहयोग कर रहे हैं। इस आशय की जानकारी गुरुवार को जिला के सिविल सर्जन डॉ.अशोक कुमार सिंह ने दी। उन्होंने बताया कि जिला में आइडीए राउंड को सफल बनाने में कई सहयोगी संस्थाएं सहयोग कर रही हैं इनमें एक संस्था पीसीआई है जो विभिन्न विभागों के साथ समन्वय स्थापित कर आईडीए राउंड को सफल बनाने के लिए कार्य कर रही है। इसी के तहत पीसीआई के सहयोग से जिला स्तर जीविका के डीपीएम और न्यूट्रिशन मैनेजर के साथ बैठक कर जिला स्तर पर और प्रखंड स्तर पर जीविका बीपीएम के साथ बैठक आयोजित कर जीविका से जुड़े अधिकारी, कर्मचारी और जीविका कि स्वयं सहायता समूह से जुड़ी जीविका दीदी के सहयोग से फाइलेरिया जैसी व्यक्ति को जीवन भर के लिए दिव्यांग बनाने वाली बीमारी से बचने के लिए साल में कम से कम एक बार एमडीए/आईडीए राउंड के दौरान फाइलेरिया रोधी दवाओं के सेवन करने के लिए जागरूक किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि आईडीए राउंड के दौरान जिला भर तीन प्रकार की दवाइयों के रूप में एल्बेंडाजोल, डीईसी के अलावा एक और दवा आइवरमेक्टिन का सेवन कराया जा रहा है। एल्बेंडाजोल और डीईसी दवा का सेवन जहां उम्र के अनुसार के अनुसार कराया जाता है। वहीं, आइवरमेक्टिन कि दवा लंबाई के अनुसार दी जा रही है। उन्होंने बताया कि दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों को फाइलेरिया की दवा के रूप में एल्बेंडाजोल और डीईसी दवा का सेवन नहीं कराना है। वहीं पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों को फाइलेरिया की दवा के रूप आइवरमेक्टिन का सेवन नहीं कराना है। इसके अलावा गर्भवती महिलाओं, एक सप्ताह के अंदर मां बनने वाली महिलाओं और गंभीर बीमारी से ग्रसित लोगों को किसी प्रकार की फाइलेरिया रोधी दवाओं का सेवन नहीं कराना है।
जीविका दीदियां फाइलेरिया की दवा खाने के लिए कर रही है लोगों को जागरूक
जीविका के हेल्थ एंड न्यूट्रिशन मैनेजर करूणा शंकर ने बताया कि जीविका कि जिला स्तरीय बैठक में डीपीएम के नेतृत्व में विभिन्न प्रखंडों में कार्यरत ब्लॉक प्रोग्राम मैनेजर के साथ बैठक कर फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम से संबंधित आईईसी मैटेरियल का वितरण करते हुए प्रखंडों में कार्यरत स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी जीविका दीदी के माध्यम से लोगों को फाइलेरिया की दवा खाने के लिए जागरूक करने का निर्देश दिया गया है। उन्होंने बताया कि बैठक में उपस्थित जीविका से जुड़े सभी अधिकारियों और कर्मचारियों ने न सिर्फ खुद फाइलेरिया रोधी दवाओं का सेवन किया बल्कि जीविका दीदी के माध्यम से घर-घर जाकर आम लोगों को फाइलेरिया की दवा सेवन करने के लिए जागरूक करने का संकल्प लिया।
आईडीए राउंड के दौरान लोगों को खिलाई जा रही है तीन प्रकार की दवाइयां
पीसीआई के जिला प्रतिनिधि अरविंद श्रीवास्तव ने बताया कि फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत जिला भर में चल रहे सर्वजन दवा सेवन आईडीए राउंड को सफल बनाने के लिए पीसीआई के सहयोग से जीविका, शिक्षा विभाग, आईसीडीएस, पंचायती राज विभाग, नगर विकास एवम आवास विभाग सहित अन्य विभाग के अधिकारियों से मिलकर पत्र जारी करवाने के पश्चात प्रखंड स्तर संबंधित विभाग के अधिकारियों के सहयोग से आम लोगों को साल में कम से कम एक बार फाइलेरिया की दवा के रूप में तीन प्रकार की दवाओं के सेवन के लिए जागरूक किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि ग्रामीण स्तर पर स्थानीय जनप्रतिनिधियों के सहयोग से आम सभा आयोजित कर न सिर्फ खुद फाइलेरिया की दवा का सेवन किया जा रहा है बल्कि अन्य लोगों को भी फाइलेरिया की दवा खाने के लिए जागरूक किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि साल में कम से कम एक बार एमडीए/ आईडीए राउंड के दौरान फाइलेरिया रोधी दवाओं का सेवन करने से व्यक्ति फाइलेरिया कि वजह से जीवन भर के दिव्यांग होने से बच सकता है।
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