जिले में 13 फरवरी से शुरू एमडीए/आईडीए अभियान के दौरान कुल 81% लोगों ने फाइलेरिया से बचाव के लिए फाइलेरिया रोधी दवा का सेवन की। अभियान में गठित स्वास्थ्य टीम द्वारा घर-घर जाकर एवं जिले के विभिन्न प्रखंडों में 341 जगहों पर बूथ लगातार कैम्प मोड में निर्धारित लक्ष्य 8 लाख, 10 हजार, 92 के खिलाफ कुल 7 लाख 12 हजार 713 लोगों को एल्बेंडाजोल, डीईसी और आइवरमेक्टिन का दवा सेवन कराई गई। पूरे अभियान के दौरान अधिक से अधिक लोगों को दवाई का सेवन करने के लिए अभियान में गठित पूरी टीम पूरी मुस्तैदी के साथ अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन किया। ताकि इस बीमारी का खात्मा हो सके और सामुदायिक स्तर पर लोग सुरक्षित हो सके। जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ.अशोक कुमार सिंह ने बताया, अभियान को सफल बनाने के लिए जहाँ अभियान के लिए गठित स्वास्थ्य टीम पूरी मुस्तैदी के साथ अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन किया। वहीं, जिले के सभी विभागों के पदाधिकारियों एवं कर्मियों का सकारात्मक सहयोग मिला। जिसका परिणाम यह है कि पूरी टीम 88 % लोगों को दवाई का सेवन कराने में सफल रही। हर हाल में शत-प्रतिशत लाभार्थियों को दवाई का सेवन सुनिश्चित कराने को लेकर स्वास्थ्य टीम एक-एक घर पहुँची है और दवा का सेवन कराया गया ।
– गृह भेंट की तर्ज पर घर-घर जाकर खिलाई गई दवा
वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी श्याम सुंदर कुमार ने बताया, अभियान के दौरान गृह भेंट की तर्ज पर आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर लोगों को खुद के सामने एलबेंडाजोल एवं डीईसी की दवाएं खिलाईं। ताकि एक भी व्यक्ति दवाई खाने से वंचित नहीं रहे और अभियान सफल हो सके। वहीं, उन्होंने बतारा, गर्भवती महिलाओं एवं गंभीर बीमारी से पीड़ित व्यक्ति के अलावा दो वर्ष से कम आयु वर्ग के बच्चों को छोड़कर शेष सभी लोगों को स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा खिलाई गई। साथ ही इस बीमारी से बचाव के लिए आवश्यक जानकारी देते हुए जागरूक भी किया गया। ताकि उक्त अभियान का सफलतापूर्वक समापन एवं बीमारी पर रोकथाम संभव हो सके। इस बीमारी से बचाव के लिए दवाई के साथ-साथ एहतियात भी जरूरी है।