बिहार के बाहुबली अशोक महतो ने लोकसभा टिकट के लिए खरमास में शादी कर ली है। अशोक की उम्र 62 साल है, पत्नी उनसे 16 साल छोटी हैं। अशोक महतो पर ही वेब सीरीज “खाकी द बिहार” चैप्टर बनी थी। शादी के बाद अशोक महतो अपनी पत्नी के साथ राबड़ी आवास पहुंचे। उन्होंने कहा कि मैं यहां आशीर्वाद लेने आया था। वह पत्नी को मुंगेर से राजद के टिकट पर चुनाव लड़ना चाहते हैं। अशोक पर कई आपराधिक मामले दर्ज हैं। उनको सजा भी हो चुकी है। वह 17 साल से जेल में थे। 10 दिसंबर 2023 को जेल से रिहा हुए थे। सजा की वजह से वो चुनाव नहीं लड़ सकते हैं। इसलिए आनन-फानन में 2 दिन के अंदर उन्होंने शादी की है, ताकि उनकी पत्नी चुनाव लड़ सके। मुंगेर से जदयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह अभी सांसद हैं। उन्हें फिर से जदयू टिकट दे सकती है। इसलिए संभावना जताई जा रही है कि ललन सिंह के सामने अशोक महतो की पत्नी अनीता होंगी।
लालू ने कहा, और कर ली शादी
बताया ये भी जा रहा है कि कुछ दिन पहले लालू यादव ने अशोक महतो को बुलाकर कहा था कि शादी करके आओ तब टिकट देंगे। इसके बाद उन्होंने लड़की की तलाश शुरू की। ताकि अगर उनको टिकट न मिले तो वे अपनी पत्नी को चुनाव लड़वाएं। उनकी तलाश अनीता पर जाकर पूरी हुई। शादी करने के लिए अशोक महतो का काफिला 50 गाड़ियों के साथ निकला। बख्तियारपुर में मंगलवार की रात मां जगदंबा स्थान के मंदिर में विवाह हुआ।
दिल्ली में जॉब करती है लड़की, पिता इंजीनियर थे
अनीता लखीसराय के सूर्यगढ़ा प्रखंड के बंशीपुर हेमजापुर इलाके की रहने वाले हरि मेहता की बेटी अनीता (46) हैं। वो पूरे परिवार के साथ दिल्ली में रहती हैं। वो दिल्ली की ही एक कंपनी में काम करती हैं। उसके पिता हरि प्रसाद सहनी PWD इंजीनियर थे। अनीता समसबार कुर्मी समाज से हैं। अशोक महतो धानुक कुर्मी समाज से आते हैं।
अशोक महतो पर बनी है खाकी द बिहार चैप्टर..कई हत्याओं का आरोप
अशोक महतो के नाम कई नरसंहार दर्ज हैं। इनमें सबसे भयावह है अपसढ़ नरसंहार। साल 2000 की 11 मई की रात के 11 बजे एक परिवार की हत्या कर दी गई थी। नुनुलाल सिंह का परिवार के 15 लोग छत पर सो रहे थे। अचानक 50-60 लोग आए और गोलियां बरसाने लगे। लगभग 8 मिनट में उसने 300 राउंड से अधिक फायरिंग की। जो गोलियों से बच गए उसे तलवार से काट दिया। जब माहौल शांत हुआ तो छत पर 11 लाशें थीं। मरने वालों में 10 साल के बच्चे से लेकर 50 साल के बुजर्ग तक थे। इसमें अशोक महतो का नाम सामने आया था।
अशोक महतो के नाम से थर्राता थे 3 जिले
बिहार में 1990 के दशक के अंत में जातीय संघर्ष के दौरान अशोक महतो बड़ा नाम सामने आया था। अशोक महतो गिरोह पर बड़ी संख्या में अगड़ी जाति के लोगों की हत्या के लिए जिम्मेदार माना गया था। बिहार के नवादा, नालंदा और शेखपुरा जिला के 100 से अधिक गांवों में अशोक महतो की तूती बोलती थी। 2002 में नवादा जेल ब्रेक में पुलिस पुलिसकर्मियों की हत्या भी की थी। 2005 में सांसद राजो सिंह की हत्या हुई थी। इसमें अशोक महतो और उसके गिरोह का नाम सामने आया था। अशोक महतो गिरोह को नालंदा, नवादा और शेखपुरा क्षेत्रों में पिछड़ी जातियों का समर्थन प्राप्त था। आईपीएस अधिकारी अमित लोढ़ा की किताब पर आधारित वेब सीरीज “खाकी द बिहार चैप्टर” अशोक महतो के नाम पर ही बनाई गई थी। हालांकि इस वेब सीरीज का अशोक महतो की समर्थकों ने विरोध भी किया है। कहा कि इस सीरीज में कुछ कहानी गलत भी है।
सौजन्य दैनिक भास्कर
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