जिला समाहरणालय के मंथन सभागार में शुक्रवार को फाइलेरिया उन्मूलनार्थ कार्यक्रम अंतर्गत सिविल सर्जन डॉ.अशोक कुमार सिंह की अध्यक्षता में शेखपुरा जिला अंतर्गत सभी मुखिया एवं मुखिया प्रतिनिधि के साथ एक बैठक आहूत की गई। इस बैठक में सिविल सर्जन द्वारा बताया गया कि सभी मुखिया गण अपने-अपने अपने-अपने क्षेत्रों में एमडीए/आईडीए कार्यक्रम का स्वयं दवा खाकर कार्यक्रम की शुभारंभ करेंगे। साथ ही दल कर्मियों के साथ कम से कम दस घरों में जाकर द्वारा खिलाने के साथ-साथ जागरूक करेंगे। डॉ.अशोक कुमार सिंह द्वारा बताया गया कि फाइलेरिया एक ऐसी बीमारी है, जिसके होने से पूर्व साल में एक बार सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम के तहत तीन प्रकार की दवा एक बार खाने से इससे बचा जा सकता है। यह बीमारी अब विकलांगता के अंतर्गत रखा गया है। अपने क्षेत्र में ऐसे फाइलेरिया रोगी, जो हाथी पांव जैसे बीमारी से ग्रसित है, वह प्रत्येक सप्ताह के शनिवार को सदर अस्पताल में निबंधन करवाकर विकलांगता प्रमाणपत्र बनवा सकते है।
जनप्रतिनिधियों से अभियान में सहयोग करने की गई अपील
सिविल सर्जन डॉ.अशोक कुमार सिंह ने बताया कि मुख्य फाइलेरिया कार्यक्रम पदाधिकारी के द्वारा डीईसी की दवा उपलब्ध नहीं कराए जाने से यह कार्यक्रम अब 10 फरवरी के स्थान पर 13 फरवरी से शुभारंभ कराने का निर्णय लिया गया है। सिविल सर्जन के द्वारा सभी उपस्थित जनप्रतिनिधियों से इस अभियान में सहयोग करने की अपील की गई। इस मौके पर पीरामल फाउंडेशन से डीटीएल सुजीत कुमार, पीसीआई से जिला समन्वयक अरविन्द कुमार श्रीवास्तव, जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यालय से श्याम सुंदर कुमार, पीएल सोनी झा, मनोज कुमार साह, अभिषेक कुमार, विनोद कुमार आदि की उपस्थिति रही।
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