सोमवार को महिला एवं बाल विकास निगम बिहार, पटना द्वारा कार्यस्थल पर महिलाओं का लैंगिक उत्पीड़न (निवारण,प्रतिषेध एवं प्रतितोष) अधिनियम, 2013 विषय पर एक दिवसीय प्रशिक्षण आयोजित किया गया। प्रशिक्षण में किसी भी कार्यस्थल पर महिलाओं के लैंगिक उत्पीड़न के रोकथाम हेतु बेहतर माहौल बनाने तथा इस तरह की घटनाओं के खिलाफ कहां कार्यवाई हेतु शिकायत दर्ज की जाय, के संबंध में विस्तृत जानकारी दी गई। इस दौरान कार्यस्थल पर महिलाओं के लैंगिक उत्पीड़न के रोकथाम हेतु आ रही चुनौतियों तथा बाधाओं से निपटने के तरीकों पर भी चर्चा की गई। शेखपुरा जिले में कार्यस्थल पर महिलाओं के लैंगिक उत्पीड़न के रोकथाम हेतु एक स्थानीय समिति बनी हुई है, जिसमें पीड़िता अपने खिलाफ हो रही मामलों को दर्ज करवा सकती है। स्थानीय समिति में यदि कोई मामला दर्ज होता है, तो पीड़िता की पहचान गोपनीय रखते हुए स्थानीय समिति जांच करते हुए अपने स्तर से कार्रवाई करती है।
स्थानीय समिति में न्यूनतम पांच सदस्य होते हैं। अध्यक्ष के तौर पर एक महिला होती हैं, जो सामाजिक कार्य के क्षेत्र में प्रख्यात और महिलाओं की समस्याओं के प्रति प्रतिबद्ध होते है। एक महिला सदस्य जो जिले के प्रखंड या बोर्ड या नगरपालिका में कार्यरत होते है। दो सदस्य,जिसमें से कम-से-कम एक महिला होती है,जो महिलाओं की समस्याओं के प्रति प्रतिबद्ध होते है,ऐसे गैर सरकारी संगठनों या संगमों में से या ऐसा व्यक्ति जो लैंगिक उत्पीड़न से संबंधित ऐसे मुद्दों से सुपरिचित होते है,परंतु कम-से-कम एक के पास विधि की पृष्ठभूमि या विधिक ज्ञान होना चाहिए और कम-से-कम एक सदस्य अनुसूचित जातियों या अनुसूचित जनजातियों या पिछड़े वर्गों या केंद्रीय सरकार द्वारा अधिसूचित अल्पसंख्यक समुदाय की महिला होगी। जिले में समाज कल्याण या महिला और बाल विकास से संबंधित पदाधिकारी एक पदेन सदस्य होते है। प्रशिक्षण के दौरान शेखपुरा जिले के स्थानीय समिति के सभी सदस्य, महिला एवं बाल विकास निगम के कर्मी इत्यादि उपस्थित थे।