गुरूवार को जिले के सभी सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में विश्व मलेरिया दिवस मनाया गया। इस अवसर स्वास्थ्य विभाग पदाधिकारियों एवं कर्मियों ने वर्ष 2030 तक मलेरिया को जड़ से मिटाने का संकल्प लिया एवं सभी स्वास्थ्य संस्थानों में विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन कर सामुदायिक स्तर पर लोगों मलेरिया से बचाव के लिए जागरूक किया गया। जिसके दौरान लोगों को मलेरिया के कारण, लक्षण और इससे बचाव की विस्तृत जानकारी दी गई। वहीं, कार्यक्रम का उदघाटन सदर अस्पताल परिसर में सिविल सर्जन डाॅ.संजय कुमार ने किया। इसके बाद जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों में जागरूकता कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। वहीं, सिविल सर्जन ने बताया, वर्ष 2030 तक देश से मलेरिया को पूरी तरह से खत्म करने और मलेरिया के बुखार के प्रति आम लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से 25 अप्रैल को जिला भर के सभी स्वास्थ्य संस्थानों में विश्व मलेरिया दिवस (डब्ल्यूएमडी) मनाया गया है।
– जन जागरूकता से मलेरिया को खत्म करना संभव :
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ.अशोक कुमार सिंह ने बताया, वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम बिहार के अपर निदेशक सह राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी के द्वारा जारी निर्देश के अनुसार पिछले वर्ष की भांति इस वर्ष भी जिला भर के सभी सरकारी अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये गये। इसके अंतर्गत मलेरिया से बचाव के लिए जनजातीय आबादी, घुमंतू आबादी, बॉर्डर एरिया, अत्यधिक मलेरिया प्रभावित क्षेत्र, गर्भवती महिलाओं और बच्चों के बीच जन जागरूकता के लिए सभी स्वास्थ्य संस्थानों में कार्यरत स्वास्थ्य कर्मियों को प्रशिक्षण के साथ आईईसी मैटेरियल भी उपलब्ध करवा दिया गया है। उन्होंने बताया कि मलेरिया से बचाव के लिए प्राइवेट प्रैक्टिशनर को भी सम्मिलित किया गया है, ताकि सही समय पर मलेरिया के रोगी कि खोज और उनका जांच और उपचार किया जा सके। इसके अलावा ग्रामीण स्तर पर पंचायती राज प्रतिनिधि के सहयोग से भी लोगों को मलेरिया से बचाव के जागरूक किया जाएगा। इस कार्यक्रम में सदर अस्पताल शेखपुरा के उपाधीक्षक डॉ नौशाद आलम, स्वास्थ्य प्रबंधक धीरज कुमार, वेक्टर रोग नियंत्रण पदाधिकारी नेहा कुमारी, भीबीडीएस मनोज कुमार, पिरामल के प्रखंड समन्वयक अभिषेक कुमार, बिनोद कुमार आदि मौजूद थे।
– सभी सरकारी स्वास्थ्य में निःशुल्क उपलब्ध है जांच और इलाज की सुविधा :
वेक्टर रोग नियंत्रण पदाधिकारी श्याम सुन्दर कुमार ने बताया, जिले के सभी सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में मलेरिया की जांच से लेकर समुचित इलाज तक की सुविधा उपलब्ध है। इसलिए, लक्षण दिखते ही संबंधित मरीजों को तुरंत सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में जांच कराना चाहिए। वहीं, उन्होंने बताया, ठंड लगना, कंपकपी, सिर दर्द, उल्टी एवं चक्कर आना, तेज बुखार एवं अत्यधिक पसीने के साथ बुखार का कम होना, मलेरिया के प्रारंभिक लक्षण हैं। ऐसा प्रतिदिन, एक दिन बीच करके या निश्चित अंतराल के बाद मलेरिया बीमारी के गंभीर लक्षण है। इस प्रकार का कोई भी लक्षण होने पर मलेरिया की जांच के लिए नजदीकी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर मरीज को ले जाएं।
मलेरिया से बचाव के उपाय :
– अपने घर और घर के आसपास बने गड्ढे, नालियों, बेकार पड़े खाली डिब्बों, पानी की टंकियों, गमलों, टायर ट्यूब में बिल्कुल भी पानी इकट्ठा नहीं होने दें। यदि पानी इकट्ठा हो भी गया हो तो उसमें मिट्टी तेल की कुछ बूंदें अवश्य डालें।
– सोते समय मच्छरदानी अथवा मच्छर भगाने वाली क्रीम या अगरबत्ती का प्रयोग करें ।
– मलेरिया से बचाव के लिए डीडीटी या एसपी के छिड़काव में कर्मियों का सहयोग करें।