जिले के सभी प्रखंडों में फाइलेरिया उन्मूलन को लेकर विगत 13 फरवरी से सघन आइडीए /एमडीए (सर्वजन दवा सेवन) अभियान चल रहा है। हर हाल में अभियान को सफल बनाने के लिए जहां स्वास्थ्य टीम द्वारा घर-घर जाकर लोगों को अल्बेंडाजोल और डीईसी की दवा का सेवन कराई जा रही है। वहीं, जिले भर में चल रहे अभियान का प्रखंड से लेकर जिला स्तर के पदाधिकारी नियमित तौर पर पर्यवेक्षण कर रहें हैं और अभियान में शामिल टीम को शत-प्रतिशत लोगों को दवाई का सेवन सुनिश्चित कराने के लिए आवश्यक और जरूरी निर्देश दे रहें हैं। ताकि शत-प्रतिशत लोगों को दवाई का सेवन कराई जा सके और अभियान का सफल संचालन सुनिश्चित हो सके। इसी कड़ी में गुरुवार को जवाहर नवोदय विद्यालय में एमडीए अभियान चलाया गया। जिसमें मौजूद बच्चे समेत अन्य सभी लोगों को दवाई का सेवन कराया गया। इस कार्यक्रम पटना से आए पीसीआई के एसपीएम (स्टेट प्रोग्राम मैनेजर) डाॅ.पंखुरी मिश्रा भी शामिल हुईं एवं उक्त कार्यक्रम स्थल सहित अन्य जगहों पर चल रहे अभियान स्थल का निरीक्षण किया एवं स्वास्थ्य टीम से अभियान से संबंधित विस्तृत जानकारी ली। इस मौके पर वेक्टर रोग नियंत्रण पदाधिकारी श्याम सुंदर कुमार, नेहा कुमार, पीसीआई के जिला समन्वयक अरविंद कुमार श्रीवास्तव, आंगनबाड़ी सेविका मिनी कुमारी, सुशांति कुमारी आदि मौजूद थे।
शत-प्रतिशत लोगों को दवाई का सेवन कराना हो सुनिश्चित
पीएसआई के एसपीएम डाॅ.पंखुरी मिश्रा ने स्वास्थ्य टीम से कहा, हर हाल में शत-प्रतिशत लोगों को दवाई का सेवन कराना सुनिश्चित हो। इसके लिए आपलोग एक-एक व्यक्ति की पहचान कर दवाई सेवन करें। लोगों फाइलेरिया जैसी विकृत बीमारी की जानकारी देकर दवाई सेवन के लिए प्रेरित करें। क्योंकि, यह अभियान का मकसद तभी सफल होगा। जब शत-प्रतिशत लोग दवा का सेवन करेंगे। दरअसल, फाइलेरिया से बचाव के लिए दवा का सेवन ही एकमात्र विकल्प और बेहतर उपाय है। इसलिए, आपलोगों सामुदायिक स्तर पर लोगों को दवाई का सेवन से होने वाले फायदे की जानकारी से अवगत कराएं। क्योंकि, इस अभियान का मकसद एक ही है कि फाइलेरिया को जड़ से मिटाना और सामुदायिक स्तर लोगों को इस बीमारी के खतरे से सुरक्षित करना।
सभी का मिल रहा है सकारात्मक सहयोग
सिविल सर्जन डाॅ.अशोक कुमार सिंह ने बताया, हर हाल में अभियान को सफल बनाने के लिए स्वास्थ्य विभाग हर स्तर पर प्रयासरत है एवं अभियान में शामिल टीम भी पूरी मुस्तैदी के साथ काम कर रही है। इसके अलावा प्रखंड से लेकर जिला स्तर के पदाधिकारियों द्वारा लगातार मानीटरिंग भी की जा रही है। ताकि हर हाल में निर्धारित लक्ष्य को पूरा किया जा सके और अभियान का सफल संचालन सुनिश्चित हो सके। इसके अलावा अभियान को हर हाल में सफल बनाने के लिए आईसीडीएस, जीविका समेत पिरामल फाउंडेशन, पीसीआई, सीफार सहित अन्य सहयोगी स्वास्थ्य संगठन का भी लगातार साकारात्मक और सराहनीय सहयोग मिल रहा है। एडवर्स इफेक्ट से आन द स्पॉट निपटने के लिए जिले के सभी प्रखंडों में रेपिड रिस्पांस टीम भी काम कर रही है। ताकि दवाई से सेवन से अगर किसी को किसी भी प्रकार परेशानी होती है तो, उसे तुरंत दूर किया जा सके।