जिले में फाइलेरिया उन्मूलन के लिए अगले माह 10 फरवरी से शुरू होने एमडीए/आईडीए (सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम) अभियान की सफलता को लेकर डाइट भवन शेखपुरा में सोमवार को एक दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन हुआ। जिसमें जिले के विभिन्न विद्यालयों के शिक्षक शामिल हुए। प्रशिक्षण की अध्यक्षता जिला शिक्षक प्रशिक्षण केंद्र के प्राचार्य सुशांत सौरभ ने की। प्रशिक्षण के दौरान उक्त अभियान की सफलता को विस्तृत चर्चा की गई। इस मौके पर वेक्टर रोग नियंत्रण पदाधिकारी श्याम सुंदर कुमार ने प्रशिक्षण में मौजूद सभी शिक्षकों को बताया कि इस बार जिले भर में 10 फरवरी से एमडीए/आईडीए अभियान की शुरुआत होगी। अभियान शुरुआत के पहले तीन दिनों तक जिले के सभी स्कूलों में जाकर स्वास्थ्य टीम द्वारा बच्चों को फाइलेरिया से बचाव के लिए दवा खिलाई जाएगी। इसके बाद यानी चौथे दिन घर-घर जाकर आमजनों को दवाई खिलाई जाएगी। इस दौरान इस बात का ख्याल रखा जाएगा कि एक भी योग्य व्यक्ति दवाई का सेवन से छूटे नहीं।
दो वर्ष से कम आयु वर्ग के बच्चों को नहीं खिलाई जाएगी दवा
वेक्टर रोग नियंत्रण पदाधिकारी श्याम सुंदर कुमार ने बताया, अभियान के दौरान घर-घर जाकर लोगों को एलबेंडाजोल, आईवरमेक्टीन और डीईसी की दवाएं पात्र व्यक्तियों को खिलाई जाएगी। उक्त दवा गर्भवती महिलाओं, जिन्हें एक सप्ताह पूर्व प्रसव हुआ है एवं गंभीर बीमारी से पीड़ित व्यक्ति के अलावा दो वर्ष से कम आयु वर्ग के बच्चों को छोड़कर शेष सभी लोगों को स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा खिलाई जाएगी। साथ ही इस बीमारी से बचाव के लिए आवश्यक जानकारी देते हुए जागरूक किया जाएगा। ताकि उक्त अभियान का सफलतापूर्वक समापन एवं बीमारी पर रोकथाम संभव हो सके। वहीं, उन्होंने बताया, इस बीमारी से बचाव के लिए दवाई के साथ-साथ एहतियात भी जरूरी है। इसलिए, अभियान के दौरान योग्य व्यक्तियों को दवाई तो खिलाई ही जाएगी। इसके अलावा इस बीमारी से बचाव के लिए लोगों को आवश्यक जानकारी भी दी जाएगी। जैसे कि, घर के आस-पास गंदगी जमा नहीं होने दें एवं घरों में सोने से पहले मच्छरदानी का उपयोग करें। साथ ही अन्य लोगों को दवा सेवन के प्रति जागरूक भी करें, ताकि फाइलेरिया जैसी बीमारी जड़ से समाप्त हो सके। इस बीमारी को पूरी तरह से मिटाने के लिए जागरुकता भी बेहद जरूरी है।
अभियान की सफलता के लिए जागरूकता जरूरी
पीसीआई के जिला समन्वयक एके श्रीवास्तव ने प्रशिक्षण के दौरान मौजूद शिक्षकों को बताया कि अभियान की सफलता के लिए जागरूकता जरूरी है। दरअसल, जानकारी के अभाव में लोग दवाई का सेवन नहीं कर पाते हैं। इसलिए, आप लोग अपने स्तर से भी अपने-अपने पोषक क्षेत्र के लोगों को अभियान का उद्देश्य, दवाई का सेवन से होने वाले लाभ समेत अन्य जानकारियां देकर जागरूक करें।
फाइलेरिया क्या है ?
– फाइलेरिया मच्छर के काटने से होने वाला एक संक्रामक रोग है।
– किसी भी उम्र के व्यक्ति फाइलेरिया से संक्रमित हो सकता है।
– फाइलेरिया के लक्षण हाथ और पैर में सूजन (हाथीपांव) व हाइड्रोसील (अंडकोष में सूजन) है।
– किसी भी व्यक्ति को संक्रमण के पश्चात बीमारी होने में 05 से 15 वर्ष लग सकते हैं।
इन बातों का रखें ख्याल
– भूखे पेट दवा नहीं खिलाना है।
– किसी के बदले किसी अन्य को दवा ना दें और स्वास्थ्य कर्मी के सामने दवा खाएं।
– गर्भवती महिलाओं को दवा नहीं खिलाना है।
– 02 वर्ष छोटे बच्चे को दवा नहीं खिलाना है।
– गंभीर रूप से बीमार व्यक्ति को भी दवा नहीं खिलाना है।
फाइलेरिया से बचाव के उपाय
– सोने के समय मच्छरदानी का निश्चित रूप से प्रयोग करें।
– घर के आसपास गंदा पानी जमा नहीं होने दें।
– एल्बेंडाजोल व डीईसी दवा का निश्चित रूप से सेवन करें।
– साफ-सफाई का विशेष ख्याल रखें।