जिला समाहरणालय के मंथन सभागार में बुधवार को राष्ट्रीय बालिका दिवस पर आयोजित कार्यक्रम का जिला पदाधिकारी द्वारा दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। इस अवसर पर जवाहर नवोदय एवं कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय की बालिकाओं द्वारा स्वागत गान प्रस्तुत किया गया। जिसके पश्चात आयोजित भाषण प्रतियोगिता में जवाहर नवोदय विद्यालय की प्राजक्ता कुमारी को प्रथम, कस्तूरबा गांधी लोदीपुर की निभा कुमारी को द्वितीय एवं कस्तूरबा गांधी की छात्रा अंशु कुमारी को तृतीय पुरस्कार से नवाजा गया। संगीत प्रतियोगिता में नवोदय विद्यालय प्रथम, कस्तूरबा गांधी चेवाड़ा द्वितीय एवं कस्तूरबा गांधी बेलछी तीसरा स्थान प्राप्त किया। साथ ही सभी कस्तूरबा गांधी बालिका विधालय को सेनेटरी नैपकिन का भी वितरण किया गया। जिला पदाधिकारी जे.प्रियदर्शनी ने अपने संबोधन में कहा कि महिला होने पर हमें गर्व महसूस करना चाहिए। आज महिलाएँ किसी से पीछे नही है हर क्षेत्र में महिलाओं सफलता हासिल कर रही हैं। रानी लक्ष्मी बाई, किरण बेदी सहित कई महान हस्तियों का जिक्र करते हुए कहा गया कि उनसे आगे बढ़ने की प्रेरणा लेने की जरुरत है। उन्होने पॉक्सो कानून के प्रति लोगों के बीच जागरूकता की आवश्यकता पर बल देते हुए उसके प्रचार-प्रसार करने को कहा। उन्होंने इसी संदर्भ का जिक्र करते हुए गुड टच एवं बैड टच के बारे में बच्चों को जागरूक किया। अपर समाहर्त्ता सियाराम सिंह एवं सिविल सर्जन डॉ.अशोक कुमार सिंह ने अपने संबोधन में एक बेटी के बाप होने के अपने व्यक्तिगत अनुभवों को साझा कर समाज में महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका का उल्लेख किया गया।
बालिका दिवस का मुख्य उद्देश्य बालिकाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करना
ज्ञातव्य हो कि इस दिवस के मनाने का मुख्य उद्देश्य देश की बालिकाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करना, समाज में उनके विकास के लिए समान अवसर और सम्मान दिलाने की ओर लोगों का ध्यान आकर्षित कराना है तथा बालिकाओं के साथ होने वाले भेदभाव को खत्म करना है। देश की आजादी के बाद से केंद्र एवं राज्य सरकारों द्वारा बेटियों और बेटों में भेदभाव खत्म करने के लिए कई योजनाएं चलाई गई। बेटियों के साथ भेदभाव न हो इसके लिए कई कानून भी लागू किये गये जिसका सफल परिणाम भी मिला है। आज कई बेटियों ने समाज के सभी आयामों में सफलता के झंडे गाड़े है। पदाधिकारी एवं अन्य कर्मी एवं बड़ी संख्या में छात्राएँ उपस्थित थे।
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