शेखपुरा जिले के बरबीघा थाना अंतर्गत किशनपुर गांव का साहसी बालक सौरभ ने अपनी जान को जोखिम में डालते हुए पानी में डूबती हुई तीन बच्चियों को बचाकर बहादुरी का एक मिसाल पेश किया है। हालांकि इस घटना में वह एक अन्य बच्ची का जान नहीं बचा पाया। बताते चलें कि 10- 11 साल का सौरभ एक बहुत ही गरीब परिवार का बच्चा है और वह अपनी भैंस को लेकर खेत में चराने गया था, तभी वह पास के तालाब में चार बच्चों को डूबते देखा। इस दौरान बालक सौरभ अपने जान को जोखिम में डालकर तालाब में छलांग लगा दी और एक-एक कर तीन बच्चियों को उनके बाल पकड़कर बाहर खींच ले आया, जबकि एक अन्य बच्ची को बचाने में वह असफल रहा। बालक सौरभ के इस कारनामे की कहानी जब आसपास के लोगों को सुनने को मिली तो सभी लोग बच्चे की तारीफ करने लगे। जानकारी मिलते ही जिला बाल संरक्षण इकाई में बालक सौरभ को बुलाया गया तथा उसे पुरस्कृत एवं सम्मानित किया गया। उसके साहसपूर्ण एवं जोखिमपूर्ण कार्यों के लिए सौरभ का नाम प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार योजना 25 के लिए अनुशंसा किया जा रहा है। बालक सौरभ 10-12 साल की उम्र का है और वह पढ़ाई से कटा हुआ है। लिहाजा उसके गांव किशनपुर के प्रधानाध्यापक को बालक को नियमित कक्षा में बुलाने के लिए कहा गया तथा बिहार शिक्षा विभाग द्वारा चलाए जा रहे हैं। दक्ष योजना के तहत उसे प्रतिदिन 1 घंटे का एक्स्ट्रा ट्यूशन देने का भी अनुरोध किया गया है। जिला बाल संरक्षण इकाई के सामाजिक कार्यकर्ता श्रीनिवास ने बालक के साहसपूर्ण कार्यों को देखते हुए उसके पठन-पाठन हेतु जिला शिक्षा पदाधिकारी को भी पत्राचार किया है तथा बालक के संरक्षण हेतु वीरता पुरस्कार दिलाने हेतु बालक के वीरतापूर्ण कार्यों की पूरी घटना को कहानी के रूप में तैयार कर पोर्टल पर अपलोड करवा रहे है।
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