बिहार जदयू शिक्षा प्रकोष्ठ के प्रदेश वरीय उपाध्यक्ष सह-मुख्य प्रवक्ता प्रो.डॉ. राजेन्द्र यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को फैक्स भेजकर बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने के मांग की है। प्रो.राजेन्द्र यादव ने कहा कि बिहार से झारखंड राज्य अलग होने के बाद सारा खनिज पदार्थ झारखंड राज्य में चला गया है, जिससे बिहार की आर्थिक स्थिति काफी कमजोर हो गई है। उन्होंने कहा कि बिहार की प्रगति के लिए विशेष राज्य का दर्जा जरूरी है। पूर्व में जिन राज्यों को विशेष राज्य का दर्जा मिला है, उन राज्यों से बिहार में ज्यादा गरीबी है। संविधान के अनुसार 371 में वर्णित है कि जिन राज्यों में आर्थिक विकास के लिए वित्तीय संसाधन नहीं है, और वहां के गरीबी 49% से अधिक है, तो ऐसे राज्यों को विशेष राज्य का दर्जा दिया जा सकता है, जबकि बिहार की आर्थिक विकास के लिए वित्तीय साधन की कमी है और यहां 53.5%. गरीबी है। साथ ही 11 राज्यों को विशेष राज्य का दर्जा मिल गया है, जिसमें अरुणाचल प्रदेश में गरीबी 26 प्रतिशत, जम्मू कश्मीर में 9 प्रतिशत, उत्तराखंड में 18 प्रतिशत, मणिपुर में 47 प्रतिशत आदि है। इन राज्यों को विशेष राज्य का दर्जा मिल गया है, तो बिहार को विशेष राज्य का दर्जा क्यों नहीं मिलेगा। बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिलने पर केन्द्र प्रायोजित योजनाओं में काफी छूट मिलेगा तथा बिहार में विकास होगा। लोकप्रिय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी विशेष राज्य का दर्जा की मांग कर रहे है।
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