विद्युत विभाग की ओर से जिले के ग्रामीण इलाकों में भी स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने के लिए विद्युत उपभोक्ताओं को जागरूक करने के लिए लोक कलाकारों की मदद ले रहा है। बिजली उपभोक्ताओं को नुक्कड़ नाटक के माध्यम से जागरुक कर रहा है, हालांकि ग्रामीण विद्युत उपभोक्ता स्मार्ट प्री पेड मीटर लगाने से बचना चाहते हैं। बिजली उपभोक्ताओं के मन में ज्यादा बिलिंग होने की भ्रांतियां भी है।
बिजली विभाग अब कलाकारों की ले रहे मदद
लोक मंचन के कलाकार नुक्कड़ नाटक कर उपभोक्ताओं को जागरूक कर रहे हैं। इसी क्रम में अरियरी प्रखंड अंतर्गत कसार पंचायत के ससबहना एवं नीमी नगर पंचायत में विद्युत विभाग के कार्यपालक अभियंता राकेश कुमार के नेतृत्व में स्मार्ट प्रीपेड मीटर को लेकर उपभोक्ताओं के बीच नुक्कड़ नाटक के माध्यम से जागरूकता अभियान चलाया गया। साथ ही नुक्कड़ नाटक कर स्मार्ट प्रीपेड मीटर की खूबियों के बारे में उपभोक्ताओं को विस्तार से बताया गया।
लोगों को स्मार्ट मीटर को लेकर समझाया जा रहा है
स्मार्ट प्रीपेड मीटर को लेकर उनके मन में उठने वाली तमाम शंकाओं का समाधान किया गया और उन्हें समझाया गया कि कैसे स्मार्ट प्रीपेड मीटर उपभोक्ताओं के लिए फायदेमंद है। नाटक के जरिए उपभोक्ताओं को बताया गया कि कैसे स्मार्ट प्रीपेड मीटर पुराने मीटर की तुलना में आसान है।
घर बैठे बिजली बिल जमा करने की तरकीब भी समझाई गई
बिजली बिल जमा करने के लिए बिजली आफिस का चक्कर लगाना अब जरूरी नहीं है। उपभोक्ताओं को बताया कि किस तरह से घर बैठे ही अपने मोबाइल फोन के जरिए आसानी से स्मार्ट प्रीपेड मीटर को रिचार्ज कर सकते हैं। साथ ही 2000 रुपए की एकमुश्त राशि के साथ एक निश्चित अवधि के लिए स्मार्ट प्रीपेड मीटर रिचार्ज कराकर आप अपनी जमा की गई राशि पर ब्याज भी हासिल कर सकते हैं।
इतना ही नहीं, स्मार्ट प्रीपेड मीटर में प्रतिदिन के हिसाब से बिजली खपत को भी देख सकते हैं और इसके अनुसार उपभोक्ता बिजली खपत को नियंत्रित करने की योजना बना सकते हैं। विद्युत विभाग के कार्यपालक अभियंता राकेश कुमार ने स्मार्ट मीटर लगाने के फायदे को बताते हुए कहा कि स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाना हर बिजली उपभोक्ता के लिए अनिवार्य है।
यदि बिजली उपभोक्ता के घर में स्मार्ट प्रीपेड मीटर नहीं लगा रहेगा तो वह बिलिंग प्रक्रिया से बाहर हो जाएंगे और उनका कनेक्शन अवैध कर दिया जाएगा। स्मार्ट प्रीपेड मीटर को लेकर उपभोक्ताओं के मन में भ्रांतियां नहीं हो। इसके लिए जागरूकता अभियान चलाया जा रहा हैं।