SHEIKHPURA-“सूफ़ीवाद और बिहार” पर युवा लेखक सय्यद अमजद हुसैन की किताब जल्द होगी प्रकाशित

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बिहार के युवा लेखक सय्यद अमजद हुसैन ने सूफी इतिहास पर एक महत्वपूर्ण किताब लिखी है, जिसका शीर्षक “सूफ़ीवाद और बिहार” होगा। यह किताब हिंदी में लिखी गई है और ईसवी पहली एडिशन लगभग 200 पृष्ठों की होगी। इसे रायपुर स्थित ऑथर्स ट्री पब्लिशिंग द्वारा प्रकाशित किया जाएगा और जल्द ही प्रकाशन की तारीख की घोषणा की जाएगी।शेखपुरा जिले के रहने वाले सय्यद अमजद हुसैन, जो सय्यद अहमद जाजनेरी के खानदान से ताल्लुक रखते हैं, वर्तमान में पश्चिम बंगाल के मौलाना अबुल कलाम आजाद यूनिवर्सिटी में शोध कार्य कर रहे हैं। अमजद ने इस किताब में सूफी परंपरा, संतों का आगमन, उनकी जीवनी और उनके योगदान पर गहन चर्चा की है। अमजद ने विशेष रूप से हजरत सैयद अहमद जाजनेरी और उनके भाई हजरत सैयद मुहम्मद जाजनेरी के इतिहास को उजागर किया है।

अमजद ने बताया कि ये दोनों सूफी संत बिहार के मशहूर व्यक्तित्व हैं, लेकिन ऐतिहासिक रूप से उन्हें उतनी मान्यता नहीं मिली है। उनके अनुसार, हिलसा, नवादा में शैख़ अब्दुल क़ादिर जिलानी के भांजे का दफन होना भी एक महत्वपूर्ण तथ्य है, जिसे लोग सामान्यतः नहीं जानते। इस किताब में कई खास मज़ारों की फोटो और क़तबों की तस्वीरें भी शामिल की जाएंगी, जो इसे और भी विशिष्ट बनाती हैं। अमजद ने कहा कि सूफ़ियों ने हमेशा आपसी प्रेम और सौहार्द पर जोर दिया है। दरगाहों पर आज भी विभिन्न धर्मों के लोग बिना किसी बाधा के दुआ करने आते हैं, जो कि सूफी परंपरा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। अमजद की नई किताब बिहार के सूफी इतिहास और उसके योगदान को दुनिया के सामने लाने में महत्वपूर्ण साबित हो सकती है। सभी लोग इसका बेसब्री से इंतज़ार कर रहे हैं, और यह निश्चित रूप से इस क्षेत्र की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर को उजागर करने में सहायक होगी।

 

 

 

 

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