शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के के पाठक के तुगलकी फरमान के बाद जिलाधिकारी ने अपना आदेश वापस लेते हुए जिले में पड़ रही भीषण ठंड के बावजूद सभी सरकारी व गैर सरकारी विद्यालयों में शिक्षण कार्य शुरू करवा दिया है। एक तरफ ठंड के चलते लोग जहां घर में दुबकने पर मजबूर हैं तो दूसरी ओर सुबह-सुबह भीषण ठंड में कांपते हुए बच्चे विद्यालय पढ़ने आ रहे हैं। वहीं, जिले में पड़ रही ठंड व शीतलहर की वजह से विद्यालय में बच्चों की उपस्थिति कम देखी जा रही है।बावजूद कई बच्चे ठंड से ठिठुरते हुए विद्यालय पहुंच रहे हैं। कई बच्चे ऐसे हैं जो विद्यालय में नाम कट जाने के भय से पहुँच रहें हैं। जिनमें कई बच्चे ऐसे हैं जिनको सुबह के वक्त घर में खाना तैयार नहीं मिलता तो मजबूरन भूखे पेट ही विद्यालय पढ़ने के लिए आ रहे हैं। ऐसी स्थिति कमोवेश पूरे जिले में देखने को मिल रहा है। वहीं, शेखपुरा नगर परिषद क्षेत्र के मखदुमपुर स्थित प्राथमिक विद्यालय में पढ़ने आई छात्रा दिव्या कुमारी, पीहू कुमारी, सृष्टि कुमारी ने बताया कि ठंड में विद्यालय आने में डर लगता है कहीं ठंड न लग जाए। क्लासरूम में ठंड की वजह से हाथ पैर कांपने लगता है। लेकिन विद्यालय से नाम न कट जाए, इस वजह से हमलोग मजबूरन प्रतिदिन विद्यालय आते हैं। तीसरी कक्षा की छात्रा दिव्या कुमारी ने बताया कि ठंड की वजह से मुझे कई बार बुखार लग चुका है। लेकिन ठीक होने के बाद पढ़ने आना पड़ता है। भय लगा रहता है कहीं विद्यालय से गायब रहने पर उसका नाम न कट जाए। ठंड की वजह से सुबह के वक्त घर में खाना नहीं बन पाता है। जिसके कारण हम रोज भूखे पेट विद्यालय आते हैं।
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