शेखपुरा: पति के बेरोजगार होने के बाद सुमन्ता के अंधेरे जीवन को जीविका ने किया रोशन

👇खबर सुनने के लिए प्ले बटन दबाएं

शेखपुरा जिले के बरबीघा प्रखंड अंतर्गत तेउस पंचायत के जयरामपुर गांव की सुमन्ता कुमारी की शादी वर्ष 2017 में ईश्वर चैधरी से हुई थी। इन्हें तीन लड़का है। पूर्व में इनके पति ताड़ी बेचने का काम करते थे, जिससे सुमन्ता दीदी को भी इस काम में अपने पति का हाथ बंटाना पड़ता था। ताड़ी के रोजगार और मजदूरी से जो कुछ भी आमदनी होती थी, उससे ही परिवार का भरण पोषण करते थे। बिहार में पूर्ण रूप से शराबबंदी होने से ताड़ी के कारोबार को भी पूरी तरह से बंद करवाया गया, जिससे सुमन्ता कुमारी और इनके पति दोनों बेरोजगार हो गए। तब से दीदी बिल्कुल बेसहारा हो गई। सुमन्ता दीदी के पास खाने-पीने जे लिए दूसरे पर आश्रित होना पड़ रहा था। दीदी को समझ में नहीं आ रहा था कि करें भी तो क्या करें। दीदी ना तो पढ़ी-लिखी थी और ना ही दीदी के पास कोई रोजगार करने के लिए पैसे थे। फिर सुमन्ता दीदी और उनके पति दोनों दूसरे के खेत में मजदूरी करने लगे। उसी से अपने बच्चों को किसी तरह से खाना खिलाने लगी। लेकिन अपना एवं अपने परिवार का भरण-पोषण ठीक से नहीं कर पा रही थी क्योंकि कभी मजदूरी का काम मिलता था कभी नहीं भी मिलता था।

जीविका से जुड़कर करने लगी व्यवसाय
वर्ष 2022 में सतत् जीविकोपार्जन योजना अंतर्गत अत्यंत निर्धन परिवारों को जोड़कर उन्हें रोजगार उपलब्ध कराने का अभियान चल ही रहा था, तभी सुमन्ता कुमारी का चयन शांति जीविका महिला ग्राम संगठन के द्वारा ताड़ी का व्यवसाय करने वाले कैटेगरी में चयन किया गया। इनके द्वारा रेडीमेड कपड़ा और किराना दुकान करने के लिए सहमति जताई गई। सर्वप्रथम सुमन्ता कुमारी को शांति जीविका महिला ग्राम संगठन के माध्यम से विशेष निवेश निधि के 10 हजार रूपए दिए गए, जिससे इन्होने गुमटी का निर्माण किया, उसके बाद जीविकोपार्जन निवेश निधि के माध्यम से ग्राम संगठन की खरीददारी कमिटी के द्वारा रेडिमेड कपड़ा और किराना दुकान के लिए 20 हजार रूपए का सामान खरीदकर दिया गया एवं प्रत्येक 7 माह तक जीविकोपार्जन अंतराल राशि से एक-एक हजार का चेक ग्राम संगठन से इन्हें दिया गया। एक वर्ष के अंतराल में सुमन्ता कुमारी ने अपने मेहनत से दुकान चलाकर 500-600 रूपए की प्रतिदिन बिक्री कर लेती है और महीने में 5-6 हजार रूपए की आमदनी और बचत करके दीदी बकरी पालन का काम भी कर रही है।

बरबीघा में बड़ा सा किराना दुकान खोलने का है सपना
सुमन्ता दीदी के पति को मार्गदर्शन जीविका महिला संकुल स्तरीय संघ के माध्यम से मद्य निषेध एवं उत्पाद विभाग द्वारा जारी किये गए नीरा छेवक का अनुज्ञप्ति भी मिला। दीदी खेती का भी काम करती है। अभी वर्तमान में सुमन्ता दीदी अपने सभी व्यवसायों से कुल मिलाकर 7 से 8 हजार रुपए प्रति माह की आमदनी कमा रही है। सुमन्ता दीदी बताती हैं कि मेरे पास कुल 62 हजार 500 रुपए की संपत्ति वर्तमान में है और बैंक में 4250 रुपए बचत करके जमा कर ली है। अब सुमन्ता दीदी अपने बच्चों को आंगनबाड़ी और स्कूल में पढ़ा रही है। दीदी अपने बच्चों को दो वक्त का भोजन, हरी साग-सब्जी, दूध, अण्डा इत्यादी सही से खिला पा रही है। सुमन्ता दीदी कहती है “सतत् जीविकोपार्जन योजना से जुड़कर आज दीदी अपने परिवार के साथ हंसी-खुशी जीवन जी रही हूँ और अगली किस्त की राशि से दीदी बड़ा सा किराना दुकान बरबीघा में खोलने का सपना साकार करना चाहती है।”

 

खबरें और भी है—http://फर्जी प्रमाणपत्र पर नौकरी कर रही शिक्षिका पर प्राथमिकी https://mahuaanewsbihar.com/sheikhpura-fir-against-teacher-working-on-fake-certificate/

 

फर्जी प्रमाणपत्र पर नौकरी कर रही शिक्षिका पर प्राथमिकी

शेखपुरा: फर्जी प्रमाणपत्र पर नौकरी कर रही शिक्षिका पर प्राथमिकी

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *