इस वर्ष अप्रैल महीने की गर्मी में ही मई-जून की गर्मी का अहसास हो रहा है। लू के थपेड़े चल रहे हैं तो सूरज की तपिश से अधिकतम तापमान 44 डिग्री सेल्सियस पहुंच चुका है। आने वाले दिनों में गर्मी से कोई राहत नहीं मिलनी है। बल्कि 5 मई को अधिकतम तापमान 45 डिग्री तक पहुंचने का अनुमान है। जिसके बाद से मामूली राहत की संभावना जताई जा रही है। अप्रैल माह में तपिश ज्यादा होने से आने वाले दिनों के लिए चिंता बढ़ गई है। रविवार की सुबह से ही तेज धूप रही। दिन चढ़ने के साथ ही तेज हवाओं व तपिश ने अपने रंग दिखने शुरू कर दिए। दोपहर का नजारा देखने वाला रहा। सड़कें जहां सूनी दिखीं तो वहीं धूप से बचाव के लिए लोग गमछा व टोपी में नजर आए। बदन को झुलसा देने वाली तेज धूप से बचाव के लिए महिलाओं ने दुपट्टा बांधना ही बेहतर विकल्प समझा। गर्मी के कारण पशु पक्षी भी व्याकुल दिखे। जहां भी शीतल पेय की दुकानें हैं। वहां लोग शीतल पेय व आइसक्रीम के जरिए कुछ पल का सुकून लिया। यह गर्मी देखकर लोग यही बोल रहे थे कि पहले कभी अप्रैल माह में इतनी गर्मी नहीं रही। विशेषज्ञों का मानना है कि वातावरण में निरंतर प्रदूषण बढ़ रहा है, जिस कारण जमीन का रेडिएशन बढ़ रहा है। गर्मी बढ़ने का यह भी एक मुख्य कारण है। अधिक से अधिक पौधे लगाकर पर्यावरण के प्रदूषण को कम किया जा सकता है। बीते वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष 3 डिग्री सेल्सियस तापमान ज्यादा है।
सीधे धूप के संपर्क में ना आए, पोषक तत्वों को शामिल करेंं
एसीएमओ डॉ.अशोक कुमार सिंह ने कहा कि गर्मी के मौसम में इस बात का खास ख्याल रखना चाहिए कि आप सीधे धूप के संपर्क में ना आए। दिन के सबसे गर्म समय दोपहर 12 बजे से शाम 4 बजे के बीच अगर जरूरी ना हो तो बाहर ना निकलें। वहीं, इस बात का भी ख्याल रखना चाहिए की आप समय पर खाना खाएं और डाइट में पोषक तत्वों से भरपूर चीजें शामिल करें। धूप में अगर बाहर निकल भी रहें है तो टोपी पहनकर या छतरी लेकर ही बाहर निकलें। चक्कर आना, सिरदर्द, उल्टी जैसी परेशानी होने पर तुरंत डॉक्टर की सलाह लें।
असहनीय होती जा रही गर्मी
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार अप्रैल माह की गर्मी असहनीय होती जा रही है। गर्म मौसम एक सार्वजनिक स्वास्थ्य मुद्दा बन गया है। शेखपुरा एवं आसपास के हिस्सों में गर्मी का कहर अब असहनीय हो चला है। वायुमंडलीय तापक्रम में लगातार 2 से 3 डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है।
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