SHEIKHPURA: डेंगू व बीमारियों को लेकर प्रशासन सतर्क, बैठक में दिए ये निर्देश…

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मंगलवार को अपर समाहर्ता सियाराम सिंह की अध्यक्षता में आगामी बरसात में डेंगू के फैलाने की संभावना को देखते हुए उसके रोकथाम के लिए विभिन्न उपायों पर चर्चा करने हेतु सभी संबंधित पदाधिकारियों के साथ अपने कार्यालय प्रकोष्ठ में बैठक कर आवश्यक दिशा निर्देश दी गई। इस बैठक में  डीडीसी संजय कुमार, सिविल सर्जन डॉ.संजय कुमार, जिला पंचायती राज पदाधिकारी धर्मेश कुमार सिंह, जिला आपदा प्रबंधन पदाधिकारी, डीपीएम स्वास्थ्य दयानिधि शंकर एवं सभी नगर निकायों के कार्यपालक पदाधिकारी उपस्थित थे। बैठक में सिविल सर्जन द्वारा बताया गया कि यदि किसी व्यक्ति को पूर्व में डेंगू हो चुका है तो उन्हे अधिक सतर्क रहने की आवश्यकता है। तेज बुखार के लिए एस्पिरिन की गोलियां कदापि न इस्तेमाल करें। इसके लिए पैरासिटामोल सुरक्षित दवा है। इलाज के लिए विशेष जानकारी/ शिकायत/परामर्श हेतु टोल फ्री नंबर 104 पर संपर्क कर सकते है, जो हर समय (दिन और रात) कार्यरत है।

बैठक में सिविल सर्जन  द्वारा बताया गया कि डेंगू की जांच के लिए जिले के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में एंटीजन किट की व्यवस्था उपलब्ध है, जिसमें आए सभी संभावित व्यक्तियों को प्राथमिक जांच की जाती है। प्राथमिक जांच में लक्षण दिखने पर सदर अस्पताल में एनएस 1 एलिसा किट के माध्यम से उस मरीज की पुनः: जांच  की जाती है, ताकि डेंगू के कन्फर्म केस की पुष्टि की जा सके।वर्तमान में सदर अस्पताल एवम बरबीघा रेफरल अस्पताल में डेंगू के लिए 10 10 बेड उपलब्ध है ,एवम सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में 02 02 बेड बनाए गए है ,जिसपर  अपर समाहर्ता द्वारा बेड की संख्या बढ़ाने का निर्देश दिया गया। साथ ही स्वास्थ्य विभाग की रोगी कल्याण समिति के मद से कार्यालय द्वारा भी फॉगिंग मशीन खरीदने का आदेश दिया गया है।
जिला पंचायती राज पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि जिले के सभी पंचायतों में फॉगिंग मशीन की खरीद पूर्व में स्वच्छता के मद से की गई थी, जिसे आवश्यकता होने पर फॉगिंग करने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। इस संबंध में डीडीसी द्वारा उन्हे सभी मशीनों की वर्तमान में संचालन की स्थिति एवम उसके संचालक की सूची स्वास्थ्य विभाग को उपलब्ध कराने के लिए कहा गया है ताकि उसका उपयोग किया जा सके। इसके साथ ही सभी संचालकों को फॉगिंग मशीन के संचालन हेतु एक बार पुन: स्वास्थ्य विभाग के द्वारा प्रशिक्षण करवा देने के भी निर्देश सिविल सर्जन को दिया गया है ।

डीडीसी द्वारा सभी नगर निकायों के कार्यपालक पदाधिकारियों को अपने क्षेत्र में फॉगिंग मशीन की संख्या बढ़ाने का निर्देश दिया गया है। साथ ही आवश्यक दवाइयां एवम रसायन की स्टॉक भी पूर्व से तैयार रखने को कहा गया है, ताकि डेंगू के चरम स्थिति की संभावना को पहले ही बेहतर ढंग से निपटा जा सके। इसके साथ ही नाली आदि की साफ सफाई निरंतर करवाने का आदेश दिया गया है। वैसे जगह जहां पानी का जमाव हो ,वहा विशेष ध्यान देने का आदेश दिया गया है।  

सिविल सर्जन द्वारा इस अवसर पर डेंगू के लक्षणों के भी बताया गया जो निम्न है :
1- तेज बुखार, बदन, सर एवम जोड़ों में दर्द तथा आंखों के पीछे दर्द
2- नाक , मसूड़ों से या उल्टी से साथ रक्त बहना
3- त्वचा पर लाल धब्बे/ चकत्ते का निशान
 4- काला पैखाना होना

डेंगू/चिकनगुनिया से बचाव हेतु उपाय :
– दिन में भी सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें।
– पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े पहने, घर एवम सभी कमरों को साफ सुथरा एवम हवादार बनाए रखे।
– कूलर/एसी आदि में पानी जमा न होने दे। 
– अपने आसपास को साफ सुथरा रखें ।
– गमला ,फूलदान इत्यादि का पानी हर दूसरे दिन बदले।
– जमे हुए पानी पर मिट्टी का तेल डाले।
– बीमारी के लक्षण होने पर बिना समय नष्ट किए डॉक्टर से मिले।

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