शेखपुरा से बरबीघा-बिहारशरीफ होते हुए दनियावां पटना के नेउरा तक जाने वाले निर्माणाधीन रेल खंड पर नारायणपुर मौज में अधिग्रहित जमीन के उचित मुआवजे को लेकर पिछले एक सप्ताह से किसान खेतों में रात-दिन अनिश्चितकालीन धरना पर बैठे हुए हैं। जिसमें पुरुषों समेत बड़ी संख्या में महिला किसान भी हिस्सा ले रही है। गौरतलब हो कि प्रशासन के द्वारा 244 किसानों के 44 एकड़ जमीन अधिग्रहित किया गया है। मामला मुंगेर के लारा कोर्ट में लंबित था। जिसका फैसला 28 दिसंबर को भी बेनतीजा रहा। जिससे किसानों ने अब निर्माण कार्य को बंद करने का फैसला लेते हुए गुरुवार को एसपी को ज्ञापन सौंपा है। मौके पर किसान रंजीत कुमार, शंकु कुमार, राजेश कुमार, दिनेश कुमार ने बताया कि जिला प्रशासन की लापरवाही की वजह से मुंगेर के लारा कोर्ट में 28 दिसंबर को कोई फैसला नहीं हो पाया। शेखपुरा जिला प्रशासन से 12 दिसंबर को नारायणपुर मौजा के जमीन का मार्केट वैल्यू रेट मांगा गया था, जो जिला प्रशासन के द्वारा लारा कोर्ट को उपलब्ध नहीं कराया गया है। जिससे 28 दिसंबर को लारा कोर्ट ने फैसला सुनाने में असमर्थता जता दी। जबकि 23 दिसंबर को नारायणपुर पहुंचे भू-अर्जन पदाधिकारी ने बताया था कि 20 दिसंबर को ही लारा कोर्ट में रिपोर्ट भेज दिया गया है। 30 दिसंबर शनिवार को लारा कोर्ट में अगली सुनवाई है। इसलिए हम लोगों ने एसपी समेत अपर समाहर्ता, जिला भू अर्जन पदाधिकारी और अनुमंडल पदाधिकारी को ज्ञापन देकर आग्रह किया है कि शनिवार को सुनवाई के पहले किसी भी परिस्थिति में लारा कोर्ट में जमीन का मार्केट वैल्यू रेट उपलब्ध करा दिया जाय अन्यथा नारायणपुर के किसान काम रोको आंदोलन करेंगे। जिसके लिए हमने एसपी से सहयोग की अपील की है। किसानों ने बताया कि हम लोग अपनी जमीन के लिए संघर्ष कर रहे हैं इसके बावजूद जिला प्रशासन जबरन हमारे जमीन पर 24 घंटे जेसीबी चला कर निर्माण कार्य कर रही है। कार्यस्थल पर पानी का फुहारा भी नहीं दिया जा रहा है। जिससे अनिश्चितकालीन धरना पर बैठे लोगों को दिन में धूल और रात में ठंड का सामना करना पड़ रहा है। कल अगर लारा कोर्ट में कोई फैसला नहीं सुनाया जाता है तो हम लोग आंदोलन का रुख अख्तियार करेंगे।