शेखपुरा: अक्षत भभूत नही, रोजी-रोटी और आवास चाहिए की मांग को लेकर पर खेग्रामस का राज्यव्यापी धरना

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बरबीघा नगर के नारायणपुर मौजा के किसानों के जमीन रेलवे विभाग द्वारा भूमि अधिग्रहण किया गया है, उन आंदोलनरत किसानों को बाजार मूल्य के अनुसार मुआवजा दिया जाए सहित अन्य मांगों को लेकर गुरूवार अरियरी प्रखंड व अंचल कार्यालय पर खेग्रामस धरना का आयोजन किया गया। धरना की अध्यक्षता माले नेता जगदीश चौहान ने किया, जबकि धरना में माले जिला सचिव कामरेड विजय कुमार विजय, किसान महासभा के जिला सचिव कामरेड कमलेश मानव, माले नेता कमलेश प्रसाद, राजेश कुमार राय, विशेश्वर महतो, तेतरी देवी, सुनीता देवी, नरेश महतो, खेग्रामस नेता मनोज रजक, शिव रविदास सहित दर्जनों किसान मजदूर भाग लिया। धरना के संबोधित करते हुए माले जिला सचिव विजय कुमार विजय ने कहा कि केंद्र सरकार ने वादा किया था कि 2022 तक सबों को पक्का मकान दिया जाएगा, लेकिन इसका लाभ बिहार को नहीं के बराबर मिला, आवास हीनता की तस्वीर भयावह है। लाखों मनरेगा मजदूरों को केंद्र सरकार पेट पर लात मार रही है, 228 रुपए की दैनिक मजदूरी कहीं और किसी काम में नहीं है, वैसी गैर कानूनी मजदूरी ठोक रही है जो न्यूनतम मजदूरी कानून का उल्लंघन है। भोजन अधिकार कानून के नाम पर 5 किलो सुखा राशन के नाम पर गरीबों को ठगा जा रहा है, सब तरह का टैक्स जीएसटी के नाम पर भारत सरकार वसूलते हैं, लेकिन दलित गरीबों के घर में बिजली की गारंटी के लिए गरीब राज्य को विशेष मदद देने से भाग खड़ी हो रही है। सामाजिक आर्थिक रिपोर्ट से बिहार में गरीबी आवास हीनता और शिक्षा की भयावह तस्वीर उभर कर सामने आई है। राज्य सरकार को इसके मध्य नजर गरीबी उन्मूलन के समेकित पैकेज बनाना चाहिए। दलितों, कमजोर वर्ग के लोगों अकलिया तो और महिलाओं के सुरक्षा सम्मान के प्रति सरकार की गंभीरता संवेदनशीलता अपेक्षित नहीं है, जिस दलित उत्पीड़न की बार-बार घटनाएं सामने आ रही है। धरना के माध्यम से सरकार और प्रशासन को आगाह करना चाहते हैं कि गरीबों को सभी सरकारी योजनाओं का लाभ की गारंटी की जाए एवं सामाजिक सद्भाव बिगाड़ने वाले तत्वों पर नजर रखी जाए, ताकि लोकतंत्र, धर्मनिरपेक्ष वातावरण को नुकसान न पहुंचे जो भारतीय संविधान की मूल आत्मा है।

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