निबंधनयार्थी ने भी लगाए थे गंभीर आरोप
सदर प्रखंड अंतर्गत गवय गांव में जमीन खरीदने के बावजूद भी क्रेता गवय गांव निवासी बिपिन कुमार की पत्नी मधु देवी क़ो भूमि का परिदान सब रजिस्ट्रार द्वारा नहीं किया जा रहा है। जिसको लेकर पीड़ित मधु देवी बीते 7 महीने से चक़्कर काट रही है। इस संबंध में पीड़ित मधु देवी ने बताया था कि मैंने रवि शंकर से बीते 1 फ़रवरी को मौजा गबय मे जमीन रजिस्ट्री करवाया। जिसका दस्तावेज 780 है, उक्त दस्तावेज का जाँच सब रजिस्ट्रार प्रधान लिपिक से करवाया गया था। प्रधान लिपिक ने अपने जांच रिपोट में लिखा है कि उक्त दस्तावेज कृषि भूमि दोफसला है। लेकिन जानबूझकर सब रजिस्ट्रार स्वीटी सुमन ने उक्त दस्तावेज को समाहर्ता-सह-जिला निबंधक को भेज दिया गया। जिसका पत्रांक 64 है। दिनांक 01.02.2023 भारतीय मुद्रांक अधिनियम की धारा 47 ए (3) में भेजा गया उक्त दस्तावेज की जांच समाहर्ता ने अपने स्तर से करवाया। उसमे भी कृषि भूमि दोफसला पाया गया एवं मुद्रांक शुल्क पूर्ण पाया गया। समाहर्ता के आदेश के बाद भी सब रजिस्ट्रार ने दस्तावेज नं0-780 का परिदान नहीं कर रहे है। जिसके चलते सात महीने से कार्यालय का चक्कर लगा रही हूँ।
शेखपुरा व्यवहार न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता सुरेंद्र यादव ने सब रजिस्ट्रार स्वीटी सुमन के विरुद्ध निगरानी अन्वेषण ब्यूरो बिहार, पटना को पत्र लिखा है। जिसके माध्यम से उन्होंने रजिस्ट्री कार्यालय में चल रहे भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने की मांग की है। जिसमें आरोप लगाया गया है कि यदि रजिस्ट्री में संपत्ति का मूल्य 50 लाख रुपए से ऊपर है तो रिश्वत के रूप में टीडीएस के नाम पर 25 रुपए प्रति केवाला, कमीशन के तौर पर रजिस्ट्री पर 50 हजार रुपए और पावर से रजिस्ट्री पर 10 हजार रूपये, 3 रूपये प्रति हजार सीरिसता, स्थल जांच के नाम पर प्रति केवाला 1000 रूपये, 500 रूपये पेरीफेरल के नाम पर प्रति केवाला, 500 रूपये बुकिंग के नाम पर प्रति केवाला, 100 रूपये मुहर और टिप्पा के नाम पर प्रति केवाला वसूला जाता है।
दो एजेंट के माध्यम से वसूला जाता है नजराना
अधिवक्ता सुरेन्द्र यादव ने यह भी आरोप लगाया है कि सब रजिस्ट्रार स्वीटी सुमन के द्वारा दो एजेंट अंजनी कुमार और बड़े लाल को रखे हुए है, जो इनके लिए धमकी देकर राशि की वसूली करते हैं। वहीं, नाजायज राशि नहीं देने पर झूठे मुकदमे में फंसा कर उसे जेल भेजने की भी धमकी दिया जाता है। नाजायज वसूली का वीडियो भी उनके पास है। जिस वजह से निबंधन कराने आ रहे हैं लोगों को काफी परेशानी हो रही है। आम लोग इन दलालों के बीच में पड़कर अपनी जमा पूंजी का नुकसान कर रहे हैं।
नाजायज वसूली की राशि रखे जाने वाले कमरे में नहीं लगा है सीसीटीवी
वरिष्ठ अधिवक्ता सुरेंद्र यादव ने निगरानी को भेजे गए पत्र में यह भी बताया है कि नाजायज वसूली कर सभी रूपये बाथरूम जाने वाले कमरे में रखा जाता है। यहां भी सीसीटीवी कैमरा नहीं लगा हुआ है, जो दस्तावेज लेखक एवं आम निबंधनार्थी नाजायज नजराना नहीं देते हैं, उसे झूठे मुकदमे में फ़साने का धमकी दिया जाता है और जांच के नाम पर रजिस्ट्री पेंडिंग रखा जाता है। लेनदेन पक्की होने के बाद ही रजिस्ट्री किया जाता है।