SHEIKHPURA: राजद के आंदोलन के बाद बैकफुट पर विद्युत विभाग; डीएम ने गिनाए स्मार्ट मीटर के फायदे 

👇खबर सुनने के लिए प्ले बटन दबाएं

बैठक में जानकारी देते डीएम व विद्युत विभाग के अधिकारी
बैठक में जानकारी देते डीएम व विद्युत विभाग के अधिकारी
स्मार्ट मीटर को लेकर राजद के आंदोलन के बाद विद्युत विभाग बैकफुट पर आ गई है। शनिवार को प्रेस संवाद का आयोजन कर डीएम आरिफ अहसन ने स्मार्ट मीटर के फायदे गिनाएं। जिला समाहरणालय के मंथन सभागार में आयोजित प्रेस संवाद में डीएम के द्वारा बताया गया कि इस जिला को 07 सेक्शन में बांट कर स्मार्ट मीटर का अधिस्थापन किया जा रहा है। वर्तमान में जिला को 78256 घरों में स्मार्ट मीटर के अधिस्थापन का लक्ष्य दिया गया है, जिसके आलोक में 35118 घरों में स्मार्ट मीटर लगा दिया, सबसे अधिक घाटकुसुम्भा सेक्शन अंतर्गत 62% घरों में स्मार्ट मीटर का अधिस्थापन कर लिया गया है। सबसे कम शेखपुरा शहरी सेक्शन में मात्र 35% ही लक्ष्य की प्राप्ति हो पाई है। इसके अतिरिक्त जिलान्तर्गत सभी सरकारी  कार्यालयों में 15 नवंबर 2024 तक स्मार्ट मीटर अधिस्थापन कराने का निर्देश दिया गया है।उनके द्वारा बताया गया की स्मार्ट मीटर लगाने के कई फायदे है। इससे उपभोक्ता को सटीक बिलिंग की जानकारी मिलती है जिससे बिजली खपत में पारदर्शिता बनी रहती है। उपभोक्ता जब छाए अपनी बिजली की खपत को आसानी से देख, इसके उपयोग का बेहतर प्रबंधन कर सकते है। बिजली बिल के लिए बार-बार मीटर रीडर के भरोसे बैठे रहना भी अब नहीं पड़ेगा। उपभोक्ता किसी भी वक्त अपने मोबाइल पर ऐप के माध्यम से आसानी से बिजली खपत के साथ साथ बैलेंस राशि की जानकारी देखकर अपनी सुविधा अनुसार रिचार्ज करवा सकते है ।
बैठक में भाग लेते पत्रकार व विद्युत विभाग के अधिकारी व कर्मी
बैठक में भाग लेते पत्रकार व विद्युत विभाग के अधिकारी व कर्मी

घरों में स्मार्ट मीटर के साथ ही चेक मीटर भी किया जाएगा स्थापित 

डीएम आरिफ अहसन ने कहा कि विद्युत विभाग द्वारा पावर कट करने से पहले उपभोक्ता को सूचना दी जाएगी। साथ ही रिचार्ज नहीं रहने के स्थिति में पावर कट केवल 10 बजे पूर्वाह्न से लेकर 1 बजे अपराह्न के बीच ही कटेगा । इसके अतिरिक्त रात्रि या छुट्टी के दिन नकारात्मक राशि अकाउंट में रहने के बाद भी पावर कट नही किया जाएगा। सामान्यतः भुगतान के 10 से 30 मिनट के अंदर ही उपभोक्ता को बिजली बहाल हो जायेगी। इसके साथ ही उनके द्वारा बताया गया कि इसके संबंध में लोगों के बीच भ्रामक बातें फैलाई जा रही हैं। इसके लिए सर्वप्रथम जनप्रतिनिधियों के घरों में स्मार्ट मीटर के साथ ही चेक मीटर भी स्थापित किया जाएगा, ताकि लोग दोनों मीटर में तुलना करके  देख सके की क्या वास्तव में स्मार्ट मीटर में ज्यादा बिजली की खपत हो रही है। इसके साथ ही स्मार्ट मीटर लगाने हेतु किसी भी प्रकार का अतिरिक्त शुल्क या सिक्योरिटी डिपॉजिट मनी नही लगता है। इसके विपरीत रिचार्ज करने कर बैलेंस राशि पर ब्याज भी अलग से मिलता है ।

नई तकनीक से शुरूआती दौर में होती है परेशानी 
डीएम ने यह भी बताया कि स्मार्ट मीटर में नेट मीटरिंग की सुविधा पूर्व से ही उपलब्ध है। सूर्य ऊर्जा या अन्य वैकल्पिक ऊर्जा के स्रोत से बिजली उत्पन्न करने के उपरांत मीटर बदलने की समस्या नहीं होगी। साथ ही स्मार्ट मीटर के द्वारा उपभोक्ता का किसी भी प्रकार से कोई भी जानकारी लीक नही होती है। रिचार्ज करने के लिए उपभोक्ता को अपना कंज्यूमर आईडी देना होता है। उन्होंने सभी लोगों से अपील भी की है की सब बिना किसी हिचक के स्मार्ट मीटर लगाए। उन्होंने यह भी कहा कि कोई भी तकनीक पहली-पहली बार जब आती है तो लोगो को उसके प्रयोग में थोड़ी दिक्कत आती है पर उसका विरोध बिना जाने हुए करना उचित नहीं है। आवश्यक है कि उससे से संबंधित संशय को सुलझाते हुए उसका प्रयोग करे। किसी भी प्रकार की समस्या होने पर उन्होंने विद्युत कार्यालय  से संपर्क करने की भी अपील लोगो से की है ।
सरकार द्वारा बिजली दर पर उपभोक्ताओं को दी जाती है सब्सिडी 
विद्युत विभाग के कार्यपालक अभियंता राकेश कुमार ने बताया कि सरकार द्वारा बिजली दर पर उपभोक्ताओं को सब्सिडी भी दी जाती है। जैसे की ग्रामीण घरेलू उपभोक्ता के लिए बिजली के लिए निर्धारित दर (प्रति यूनिट) 7.42 रूपये जिसमें बिहार सरकार द्वारा  प्रति यूनिट 4.97 की सब्सिडी दी जा रही है, उपभोक्ताओं  को मात्र प्रति यूनिट 2.45 रुपए ही देना होता है। ठीक उसी प्रकार ग्रामीण क्षेत्र के व्यावसायिक उपभोक्ता के द्वारा 7.79 रुपए प्रति यूनिट बिजली दर है जिस पर सरकार द्वारा पेय की जाने वाली राशि 4.44 रुपया प्रति यूनिट है शेष उपभोक्ताओं द्वारा वास्तविक भुगतान की जाने वाली राशि 3.35 रुपए प्रति यूनिट है। किसानों को कृषि सिंचाई के लिए बिजली की निर्धारित दर प्रति यूनिट 6.74 रुपया है जिस पर बिहार सरकार द्वारा वहन की जाने वाली सब्सिडी 6.19 रू॰ प्रति यूनिट है, उपभोक्ता को  मात्र 55 पैसा ही भुगतान करना होता है। शहरी घरेलू उपभोक्ता के लिए बिजली 7.42 रूपये  प्रति यूनिट है  जिस पर सरकार द्वारा 3.30 रुपया प्रति यूनिट सब्सिडी दी जा रही है ।

       

One Response

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *