फाइलेरिया रोग का पता लगाने हेतु जिले में नाईट ब्लड सर्वे शुरू होने वाला है। इस अभियान के लिए जिला-सिविल-सर्जन सभागार में दिन मंगलवार को एक दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में जिले सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से एक-एक बीसीएम, सीचओ,एएनम, लैब टेक्नीशियन ने लिया भाग लिया। उक्त विषय की जानकारी देते हुए जिला वेक्टर जनित रोग पदाधिकारी डॉ.अशोक कुमार सिंह ने बताया कि जिले में 10 फ़रवरी से सर्वजन दवा सेवन अभियान शुरू होगा। इसी के मद्देनजर नाईट ब्लड सर्वे किया जाना है जो नवम्बर माह में ही शुरू किया जाएगा। डॉ.अशोक सिंह ने बताया कि नाईट ब्लड सर्वे से लोगों में फाइलेरिया परजीवी होने का का पता लगाया जाता है एवं रात में 8.30 के बाद 12 .00 रात्री से पहले ही लोगों का ब्लड सैंपल लेकर जांच किया जाता है। क्योकि फाइलेरिया के परजीवी इसी समय जागरूक होकर ब्लड में चलते हैं। इस कारण इसे नाईट ब्लड सर्वे कहा जाता है।
नाईट ब्लड सर्वे हेतु 14 जाँच स्थल बनाया जाएगा
वेक्टर रोग नियंत्रण पदाधिकारी श्याम सुन्दर कुमार ने नाईट ब्लड सर्वे के लिए जिले में कुल 14 जाँच स्थल बनाया जाना है, जिनमें 7 रेंडम एवं 7 सेंटीमेंटल सत्र स्थल होगा, जहाँ कुल 4200 लोगों का जांच किया जाना है। श्याम सुन्दर बताते हैं कि फाइलेरिया को आम भाषा में हाथीपांव रोग कहा जाता है। यह बीमारी मच्छर के काटने से फैलता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, दीर्घकालिक दिव्यांगता की एक बड़ी वजह फाइलेरिया है। यह एक ऐसी घातक बीमारी है जो शरीर को धीरे-धीरे खराब करती है। फाइलेरिया एक परजीवी द्वारा होने वाला रोग है जो धागा के समान दिखने वाले ‘फाइलेरिओडी’ नामक निमेटोड के कारण होता है। इस मौके पर वेक्टर रोग नियंत्रण पदाधिकारी नेहा कुमारी, पिरामल के डीपीएल राहुल कुमार, भीबीडीएस मनोज कुमार सहित अन्य स्वास्थ्य कर्मी उपस्थित थे।
वेक्टर रोग नियंत्रण पदाधिकारी श्याम सुन्दर कुमार ने नाईट ब्लड सर्वे के लिए जिले में कुल 14 जाँच स्थल बनाया जाना है, जिनमें 7 रेंडम एवं 7 सेंटीमेंटल सत्र स्थल होगा, जहाँ कुल 4200 लोगों का जांच किया जाना है। श्याम सुन्दर बताते हैं कि फाइलेरिया को आम भाषा में हाथीपांव रोग कहा जाता है। यह बीमारी मच्छर के काटने से फैलता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, दीर्घकालिक दिव्यांगता की एक बड़ी वजह फाइलेरिया है। यह एक ऐसी घातक बीमारी है जो शरीर को धीरे-धीरे खराब करती है। फाइलेरिया एक परजीवी द्वारा होने वाला रोग है जो धागा के समान दिखने वाले ‘फाइलेरिओडी’ नामक निमेटोड के कारण होता है। इस मौके पर वेक्टर रोग नियंत्रण पदाधिकारी नेहा कुमारी, पिरामल के डीपीएल राहुल कुमार, भीबीडीएस मनोज कुमार सहित अन्य स्वास्थ्य कर्मी उपस्थित थे।
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