शेखपुरा जिले में जिला बाल संरक्षण इकाई के द्वारा जल्द ही जिले के 76 बच्चों को प्रयोजन योजन का लाभ दिया जाने वाला है। राज्य सरकार से जिले को कुल 205 बच्चों को योजना का लाभ देने का लक्ष्य मिला है। लक्ष्य के अनुरूप कार्य करते हुए जिला बाल संरक्षण इकाई वर्तमान में कुल 105 बच्चों को योजना का लाभ दे रही है तथा वर्तमान में प्राप्त कुल आवेदनों की जांच करते हुए उन बच्चों को योजना से लाभान्वित करने की प्रक्रिया की जा रही है। बताया गया है कि जुलाई माह के अंत तक सभी बच्चों को योजना से आक्षादित कर दिया जाएगा तथा ₹4000 की राशि उसके खाते में डाल दी जाएगी। समाज कल्याण विभाग के निदेशक प्रशांत सी एच द्वारा भी राज्य के सभी जिलों में निर्देश जारी किया गया है कि जो भी आवेदन प्राप्त हो रहा है, उसे प्रतिदिन रिपोर्ट तैयार कर उसकी स्वीकृति प्रदान कराई जाय ताकि सभी बच्चों को लाभ दिया जा सके।
बच्चों को देख-रेख एवं पढ़ाई-लिखाई के लिए मिलता है प्रयोजन योजना का लाभ
बताते चले कि वैसे बच्चे जिनके पिता की मौत किसी कारणों से हो जाती है वैसे बच्चों को देख-रेख एवं पढ़ाई-लिखाई के लिए समाज कल्याण विभाग अंतर्गत जिला बाल संरक्षण इकाई से प्रतिमाह प्रयोजन योजना के तहत एक परिवार के दो बच्चों को अगले तीन वर्षों के लिए प्रतिमाह ₹4000 की राशि खाते में दी जाती है। केंद्र प्रायोजित यह योजना पूरे देश भर में चल रही है और वैसे सभी बच्चे जिनके पिता की मौत किन्ही कारणों से हो गई है उसे योजना से आक्षादित करने का लक्ष्य है। इसी कड़ी में शेखपुरा जिला बाल संरक्षण इकाई ने एक मुहिम चलाकर जिले के सभी छूटे बच्चे जिनका आवेदन जिला में प्राप्त हुआ था उसकी जांच की गई तथा जांचोंपरांत उसका सामाजिक अन्वेषण रिपोर्ट तैयार किया गया। प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार उसे बाल कल्याण समिति द्वारा योजना का लाभ देने हेतु अनुशंसा प्राप्त किया गया तथा जिला पदाधिकारी की अध्यक्षता में गठित कमिटी से योजना पर स्वीकृति हेतु फाइल भेजा गया है। कयास लगाया जा रहा है कि अगले एक -दो दिनों के अंदर सभी आवेदकों/बच्चों को योजना की स्वीकृति दे दी जाएगी। इस संबंध में जानकारी देते हुए जिला बाल संरक्षण इकाई के सामाजिक कार्यकर्ता श्रीनिवास ने बताया कि यह एक महत्वाकांक्षी योजना है तथा जरूरतमंद बच्चों के संरक्षण, देखभाल एवं पालन-पोषण हेतु योजना का लाभ दिया जाता है तथा जिले में जो बच्चे इस योजना से लाभान्वित नहीं हो पाए हैं उनकी भी खोज की जा रही है तथा उन्हें भी योजना का लाभ दिया जाएगा।
पंचायत स्तर के जन प्रतिनिधियों निभा रहे है महत्वपूर्ण भूमिका
श्रीनिवास ने बताया कि इस कार्य हेतु पंचायत स्तर के जन प्रतिनिधियों की भूमिका महत्वपूर्ण हो गई है तथा वह अपने-अपने इलाकों से वैसे बच्चों की सूची एवं जानकारी जिला बाल संरक्षण इकाई को उपलब्ध करावें ताकि बच्चों को लाभ दिया जा सके। योजना का लाभ देने के लिए बाल संरक्षण अधिकारी प्रदीप कुमार एवं सुरेंद्र कुमार भी युद्धस्तर पर लगे हुए हैं एवं जनप्रतिनिधियों तक योजना का जानकारी उपलब्ध कराने के लिए योजना तैयार कर रहे हैं। बच्चों का सामाजिक अन्वेषण रिपोर्ट तैयार करने में जिला बाल संरक्षण इकाई के कर्मी लगे हुए हैं। बताया गया है कि जिला बाल संरक्षण इकाई के सहायक निदेशक अभिजीत सोनल के निर्देश पर कार्य युद्ध स्तर पर किया जा रहा है एवं जिले में कोई भी जरूरतमंद बच्चा छूट न पाए इसके लिए सर्वे कराए जा रहे हैं।