जिले में फर्जी शिक्षकों पर विभागीय गाज गिरने लगी है। अब शिक्षा विभाग ने सक्षमता परीक्षा में शामिल होने वाली दो शिक्षिकाओं के प्रमाणपत्र फर्जी पाये जाने पर दोनों को बर्खास्त कर दिया गया है। यह कार्रवाई प्राथमिक विद्यालय, मुड़बड़रिया की शिक्षिका रीता कुमारी और उत्क्रमित मिडिल स्कूल, कमालपुर की प्रीति कुमारी पर हुई है। जबकि जांच में प्रमाणपत्र सही पाये जाने पर सात शिक्षकों को शिक्षा विभाग के निदेशक ने क्लीनचिट दी है। वहीं, 13 शिक्षक अब भी कार्रवाई के रडार पर हैं। इस संबंध में शिक्षा विभाग के स्थापना के डीपीओ रवि शास्त्री ने बताया कि जिला के करीब 13 सौ नियोजित शिक्षकों ने सक्षमता परीक्षा में भाग लिया था। आवेदन और प्रमाणपत्र ऑनलाइन जमा लिये गये थे। जिसमे 11 सौ से अधिक शिक्षकों ने परीक्षा पास कर लिया है। परीक्षा पास करने वाले शिक्षकों के प्रमाणपत्रों की जांच शिक्षा विभाग के निदेशक के स्तर से हो रही है। जांच में 22 शिक्षकों के प्रमाणपत्र संदिग्ध पाये गये। उन्होंने बताया कि नोटिस के बाद निदेशक के समक्ष नौ शिक्षक उपस्थित हुए थे। इनमें दो शिक्षिकाओं के प्रमाणपत्र फर्जी पाये गये तो निदेशक के स्तर से दोनों बर्खास्त कर दिया गया है। वहीं, सात शिक्षकों को क्लीनचिट दे दी गई है। डीपीओ ने बताया कि नोटिस के बावजूद 13 शिक्षक निदेशक के यहां उपस्थित नहीं हुए हैं। इन शिक्षकों को एक सप्ताह की अंतिम मोहलत देते हुए मूल प्रमाणपत्र के साथ उपस्थित होने को कहा गया है। इस बार उपस्थित नहीं होने पर इनलागों के प्रमाणपत्र भी फर्जी मानते हुए पद से हटाने की कार्रवाई होगी। वही शिक्षा विभाग की इस कार्रवाई से फर्जी प्रमाणपत्र पर नौकरी कर रहें शिक्षकों हडकंप मचा हुआ है।