चर्चित सामाजिक कार्यकर्ता सह पर्यावरण प्रेमी सैयद अरशद नसर द्वारा टांटी नदी व सरकारी सड़क किनारे लगे पेड़ों को बिना किसी अनुमति के काटने को लेकर एनजीटी ईस्टर्न जोन कोलकाता में दायर याचिका याचिका संख्या-108/2023 की सुनवाई बुधवार को पीठ के ज्यूडिशियल मेंबर न्यायमूर्ति डा.बी.अमित स्टालेकर व एक्सपर्ट मेंबर डॉ.अरुण कुमार वर्मा ने की थी। सुनवाई पश्चात एनजीटी ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। शुक्रवार को इस मामले में एनजीटी का आदेश आया है। एनजीटी ने डीएम द्वारा दाखिल दोनों जवाबी हलफनामा को खारिज करते हुए चार सप्ताह के भीतर नया हलफनामा दाखिल करने का आदेश देते हुए डीएम को आदेश दिया कि नये हलफनामा में डीएम बताएं की कुल कितने पेड़ कटे और किस के अनुमति से कटे। एनजीटी ने इस मामले से अधिवक्ता दीपांजन घोष का नाम हटाने का आदेश देते हुए याचिकाकर्ता अरशद नसर की ओर से कोलकाता हाई कोर्ट की विद्वान अधिवक्ता पौशाली बनर्जी को नामित करने का आदेश दिया। इस मामले की चल रही सुनवाई के चलते लकड़ी माफियाओं में दहशत का माहौल है तो दूसरी तरफ़ वन पर्यावरण प्रेमियों में खुशी की लहर है। अब इस मामले की अगली सुनवाई 18 सितम्बर को होगी।
एनजीटी का आदेश; डीएम बताएं कितने पेड़ कटे और किसके आदेश काटे गए
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