गुरुवार को विश्व जनसंख्या दिवस पर पीएचसी शेखपुरा के सभागार में मीडिया ब्रीफ़िंग का आयोजन किया गया। जिसमें सिविल सर्जन डॉ. संजय कुमार, एसीएमओ डॉ. अशोक कुमार, शुमम कुमार, प्रभाष पांडेय ने परिवार नियोजन से सम्बंधित विषयों पर जानकारी दिए। सीएस ने कहा कि विश्व जनसंख्या दिवस का उद्देश्य परिवार नियोजन के महत्व लैंगिक, समानता, गरीबी, मातृ स्वास्थ्य और मानव अधिकारों जैसे विभिन्न जनसंख्या संबंधी मुद्दों पर लोगों की जागरूकता बढ़ाना है। इसका लक्ष्य जनसंख्या के मुद्दों तथा यह कैसे समग्र विकास योजनाओं और कार्यक्रमों को प्रभावित करता है इस पर लोगों का ध्यान केंद्रित करना है।बिहार में परिवार नियोजन एक महत्वपूर्ण मुद्दा है, जो राज्य के सामाजिक और आर्थिक विकास से सीधे जुड़ा हुआ है। परिवार नियोजन महिलाओं को यह अधिकार देता है कि उनके कब और कितने बच्चे हों। परिवार नियोजन के कई लाभ हैं, जिनमें माता और बच्चों का बेहतर स्वास्थ्य, गरीबी में कमी और बेहतर शिक्षित आबादी शामिल है।
एसीएमओ डॉ. अशोक कुमार ने कहा कि गर्भनिरोधक का उपयोग महिलाओं के लिए विशेष रूप से युवा, कम बच्चों वाली महिलाओं, और लड़कियों में गर्भावस्था से संबंधित स्वास्थ्य जोखिमों को रोकता है। यह स्वास्थ्य के अलावा कई अन्य लाभ प्रदान करता है जिसमें उच्च शिक्षा के अवसर, महिलाओं का सशक्तिकरण, सतत जनसंख्या वृद्धि, व्यक्तियों और समुदाय के लिए आर्थिक विकास इत्यादि शामिल है। पहला गर्भधारण 20 वर्ष की उम्र में तथा दो बच्चों में 3 साल का अंतराल होने से माँ और बच्चों के स्वास्थ्य को भी लाभ मिलता है एवं गर्भनिरोधक के उपयोग से मातृ मृत्यु की संख्या में लगभग 20% से 30% की कमी हो सकती है।
पीरामल फाउंडेशन सी थी एवं पीसीआई ने राज्य स्वास्थ्य समिति के सहयोग से विश्व जनसंख्या दिवस के अवसर पर जिला, प्रखण्ड एवं पंचायत स्तर पर विभिन्न गतिविधियों की रूपरेखा तैयार की है, इनमें जिला और प्रखण्ड स्तर पर बैठकों का आयोजन, ई-रिक्शा का संचालन एवं चयनित 150 प्रखंडों के दुर्गम क्षेत्रों तथा उपेक्षित टोलों में ग्राम चौपाल का आयोजन आदि सम्मिलित हैं। ग्राम चौपाल, सामुदायिक स्तर का एक सहयोगात्मक प्रयास है, जिसमें स्वयं सहायता समूह, पंचायती राज संस्थान, स्थानीय गैरसरकारी संगठन, स्थानीय मीडिया और FLWS शामिल हैं।। इसका उद्देश्य समुदाय में योग्य दम्पत्ति विशेषकर युवा दम्पत्ति के बीच पहले गर्भधारण में देरी तथा दो बच्चों मेअंतराल का साल 3 के लाभ एवं सरकारी स्वास्थ संस्थानों पर परिवार नियोजन सेवाओं की उपलब्धता के बारे में जागरूकता बढ़ाना है।