पूरे देश में साइबर ठगी के रूप में प्रख्यात हो चूके शेखोपुरसराय प्रखंड एक बार फिर सुर्खियों में है। ताज़ा मामला में शेखोपुरसराय थाना पुलिस ने पांची एवं मीरबीघा गांव से 13 साइबर अपराधियों को रंगे हाथ दबोचा है। गिरफ्तार साइबर अपराधियों की पहचान नालंदा जिला के अस्थावाँ थाना अंतर्गत नोआमा गांव निवासी प्रवीण कुमार वर्मा के पुत्र ओम प्रकाश अमित, शेखोपुरसराय थाना के मीरबीघा गांव निवासी जगदीश चौधरी के पुत्र विवेक चौधरी, शेखोपुरसराय थाना के ही पांची गांव निवासी रंजन मिस्त्री के पुत्र राजू कुमार, राजकुमार तांती के पुत्र संतोष कुमार, अरुण प्रसाद के पुत्र मुकेश कुमार, रविंद्र मिस्त्री के पुत्र आकाश शर्मा, संजय प्रसाद के पुत्र राजीव प्रसाद, शिवदानी प्रसाद के पुत्र सुदामा कुमार उर्फ सत्यवीर प्रसाद, स्व. प्रहलाद प्रसाद के पुत्र रौशन कुमार, अरुण कुमार के पुत्र राजीव रंजन, स्व.नंदे पासवान के पुत्र मनीष पासवान, नालंदा जिला के अस्थावाँ थाना अंतर्गत सकरामा गांव निवासी स्व.उमेश प्रसाद के पुत्र आकाश कुमार तथा शेखपुरा थाना के गोपीचक गांव निवासी रणधीर प्रसाद के पुत्र सोनल कुमार शामिल है। इन सबों पर मोबाइल के माध्यम से लोन दिलाने, पुराने सिक्के लेने के बदले चार्ज के रूप में पैसा लेने तथा विभिन्न प्रकार का प्रलोभन देकर लोगों से ठगी करने का आरोप है। इस बाबत एसपी बलिराम चौधरी ने बताया कि पुलिस को गुप्त सूचना मिली कि शेखोपुरसराय थाना अंतर्गत पांची-मीरबीघा गांव के खंधा में एकत्रित होकर लोन दिलाने के नाम पर और पुराना सिक्का के बदले अधिक राशि देने के नाम पर, रिलायंस फाइनेंस से लोन दिलाने के नाम पर लोगो से मोबाइल के माध्यम से ठगी कर रहे है।
साइबर ठग से 13 मोबाइल व नकदी बरामद
सूचना के सत्यापन एवं आवश्यक कार्रवाई हेतु अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी अरविन्द कुमार सिन्हा के नेतृत्व में थानाध्यक्ष, शेखोपुरसराय एवं डीआईयू टीम को भेजी गयी। जैसे ही उक्त टीम मीरबीघा-पाँची स्थित खंधा के पास पहुँचा पुलिस बल को देखकर खंधा में बैठे करीब 20-25 युवक गिरते पड़ते भागने लगे, जिसमें से पुलिस बल के सहयोग से 13 व्यक्ति को पकडा गया तथा शेष व्यक्ति भागने में सफल हो गया। एसपी ने बताया कि गिरफ्तार साइबर अपराधियों के पास से 12 एंड्रॉयड मोबाइल, 01 कीपैड मोबाइल एवं 6150 नगद राशि बरामद किया गया है। पकड़ाए सभी व्यक्तियों से गहनता से पूछताछ करने पर बताए कि हम लोग मोबाइल के माध्यम से लोन दिलाने, पुराने सिक्के लेने के बदले चार्ज के रूप में पैसा लेने तथा विभिन्न प्रकार का प्रलोभन देकर लोगों से ठगी का कार्य करते है तथा कुछ लोग साथ में सहयोगी के रूप में रहते है जिन्हे कस्टमर (ग्राहक) को सिनियर या जुनियर बताकर बात कराते है। बरामद मोबाईल का कॉल लॉग व्हाट्सएप, चैट, गैलरी आदि चेक करने पर लोन देने का विज्ञापन, रिलायंस फाइनेंस से लोन दिलाने तथा पुराने सिक्के के बदले पैसे मंगाने का प्रमाण पाया एवं विज्ञापन पाया गया। व्हाट्सएप, चैटिंग में कई लोगो से चैटिंग होना पाया गया।
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